70 साल के इंतजार के बाद भारत की सरजमीं पर नाबीमिया से लाए गए चीतों ने अपना पहला कदम रखा। #पीएम_मोदी के हाथों से सभी को विशेष बक्से से मुक्त किया गया।पूरी दुनिया में #भारत #मां का मान सम्मान बढ़ाने वाले, हमारे देश के यशस्वी #प्रधानमंत्री #श्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ।Narendra Modi #BJP INDIA #NarendraModi #NarendraModiji #BJP4IND#vidhayakसभी 8 चीतों को अगले 30 दिन एक्सपर्ट की निगरानी में रखा जा रहा है। सामने आई वीडियो में बक्से से बाहर निकलने के बाद चीते थोड़े डरे सहमे दिखे, बाद में चहलकदमी करते हुए आगे कूनो नेशनल पार्क में विशेष रूप से बनाए गए बाड़े की ओर प्रस्थान कर गए। जहां अगले 30 दिनों तक नाबीमिया और भारत के जुलॉजिकल एक्सपर्ट निगरानी रखेंगे। पीएम मोदी बाद में नाबीमिया से आए जूलॉजिकल एक्सपर्ट से कुछ देर तक चर्चाएं की। नाबीमिया के सरकार को इसके लिए आभार व्यक्त किया। हालांकि उन्होंने इस मौके पर #देशवासियों से कहा है कि उन्हें चीतों को देखने के लिए कुछ और वक्त का इंतजार करना पड़ सकता है। रिपोर्टस के अनुसार अगले 5 सालों में भारत में चीतों की संख्या को और बढ़ाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि किसी भी जूलॉजिकल पार्क में चीतों को ज्यादा सहज बनाने के लिए इसकी संख्या 20-24 के बीच ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है।जानें चीतों की औसतन कीमतदरअसल, हाल में चीता के चर्चा में होने के कारण कई लोग ये जानने को उत्सुक हैं कि इसकी औसतन कीमत क्या होती है। काफी रिसर्च के बाद सामने आई जानकारी के बाद ऐसा माना जाता है कि चीते के शावक( बच्चे) की औसतन कीमत 3-16 लाख रुपये की बीच आंकी गई है। हालांकि इसकी खरीद या बिक्री गैरकानूनी मानी जाती है। वहीं अगर बात की जाए इसके रख-रखाव की तो सामने आई रिपोर्टस के अनुसार इसके रख-रखाव में सालाना 1-14 लाख तक की खर्च आंकी जाती है।चीते को चीता रखने के लिए रोजाना 3-6 किलो मांस की जरुरतचीते को सबसे फुर्तीला जानवर माना जाता है। चीता केवल 3 सेकंड में 96 किमी/घंटे. की रफ्तार को प्राप्त करने में सक्षम होता है और यह अधिकतम 120 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। और यह सब वह तब कर पाता है जब वह भरपुर मात्रा में अपने डायट को मेंटेन करता है। एक्सपर्ट का मानना है कि चीते को सक्रिय रखने के लिए उसे भरपुर मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है। और उसके लिए उसे प्रत्येक दिन कम से कम एक बार में 3 से 6 किलो फ्रेस मीट की जरूरत होती है।Vnita Kasnia Punjab दुनिया का सबसे फुर्तीला जानवर होने के बावजूद शिकार करने में बाघ से पीछेऐसा माना जाता है कि चीते की शिकार करने की दर बाकी जानवरों से कम होती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि चीता 10 बार में से केवल 4 बार अपने शिकार को सफलता पूर्वक हासिल कर पाता है जबकि बाघ 10 में से 9 बार शिकार करने में सफल रहता है। कहा जाता है कि चीता के पास शिकार करने के लिए केवल 1 मिनट का समय होता है। यह ऐसा इसलिए होता है कि चीता जब अपने शिकार के लिए दौड़ता है तो वह एक मिनट से ज्यादा उस रफ्तार को बरकरार नही रख पाता क्योकिं तेज रफ्तार से दौड़ने के बाद चीते की शारीरिक तापमान बढ़ जाती है और वह अचानक से असहज हो जाता है। सामान्यत: चीते की शारीरिक तापमान 38 डिग्री होती है लेकिन जब वह किसी शिकार के लिए दौड़ता है तो यही तापमान बढ़कर 40 डिग्री हो जाती है और फिर चीता पहले की गति को बरकरार रखने में असहज हो जाता है।70 साल बाद #CheetahIsBack!#भारत में चीते की पुनः वापसी वन्यजीव संवर्धन एवं प्रकृति संरक्षण के लिए ऐतिहासिक क्षण है। देश से विलुप्त हो चुके चीतों का पुनर्वास कर भारत भूमि को इनके स्वच्छंद विचरण का सौभाग्य देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार ।।#CheetahReturns
70 साल के इंतजार के बाद भारत की सरजमीं पर नाबीमिया से लाए गए चीतों ने अपना पहला कदम रखा। #पीएम_मोदी के हाथों से सभी को विशेष बक्से से मुक्त किया गया।
पूरी दुनिया में #भारत #मां का मान सम्मान बढ़ाने वाले, हमारे देश के यशस्वी #प्रधानमंत्री #श्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ।
Narendra Modi #BJP INDIA
#NarendraModi
#NarendraModiji #BJP4IND
#vidhayak
सभी 8 चीतों को अगले 30 दिन एक्सपर्ट की निगरानी में रखा जा रहा है। सामने आई वीडियो में बक्से से बाहर निकलने के बाद चीते थोड़े डरे सहमे दिखे, बाद में चहलकदमी करते हुए आगे कूनो नेशनल पार्क में विशेष रूप से बनाए गए बाड़े की ओर प्रस्थान कर गए। जहां अगले 30 दिनों तक नाबीमिया और भारत के जुलॉजिकल एक्सपर्ट निगरानी रखेंगे। पीएम मोदी बाद में नाबीमिया से आए जूलॉजिकल एक्सपर्ट से कुछ देर तक चर्चाएं की। नाबीमिया के सरकार को इसके लिए आभार व्यक्त किया। हालांकि उन्होंने इस मौके पर #देशवासियों से कहा है कि उन्हें चीतों को देखने के लिए कुछ और वक्त का इंतजार करना पड़ सकता है। रिपोर्टस के अनुसार अगले 5 सालों में भारत में चीतों की संख्या को और बढ़ाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि किसी भी जूलॉजिकल पार्क में चीतों को ज्यादा सहज बनाने के लिए इसकी संख्या 20-24 के बीच ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है।
जानें चीतों की औसतन कीमत
दरअसल, हाल में चीता के चर्चा में होने के कारण कई लोग ये जानने को उत्सुक हैं कि इसकी औसतन कीमत क्या होती है। काफी रिसर्च के बाद सामने आई जानकारी के बाद ऐसा माना जाता है कि चीते के शावक( बच्चे) की औसतन कीमत 3-16 लाख रुपये की बीच आंकी गई है। हालांकि इसकी खरीद या बिक्री गैरकानूनी मानी जाती है। वहीं अगर बात की जाए इसके रख-रखाव की तो सामने आई रिपोर्टस के अनुसार इसके रख-रखाव में सालाना 1-14 लाख तक की खर्च आंकी जाती है।
चीते को चीता रखने के लिए रोजाना 3-6 किलो मांस की जरुरत
चीते को सबसे फुर्तीला जानवर माना जाता है। चीता केवल 3 सेकंड में 96 किमी/घंटे. की रफ्तार को प्राप्त करने में सक्षम होता है और यह अधिकतम 120 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। और यह सब वह तब कर पाता है जब वह भरपुर मात्रा में अपने डायट को मेंटेन करता है। एक्सपर्ट का मानना है कि चीते को सक्रिय रखने के लिए उसे भरपुर मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है। और उसके लिए उसे प्रत्येक दिन कम से कम एक बार में 3 से 6 किलो फ्रेस मीट की जरूरत होती है।
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दुनिया का सबसे फुर्तीला जानवर होने के बावजूद शिकार करने में बाघ से पीछे
ऐसा माना जाता है कि चीते की शिकार करने की दर बाकी जानवरों से कम होती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि चीता 10 बार में से केवल 4 बार अपने शिकार को सफलता पूर्वक हासिल कर पाता है जबकि बाघ 10 में से 9 बार शिकार करने में सफल रहता है। कहा जाता है कि चीता के पास शिकार करने के लिए केवल 1 मिनट का समय होता है। यह ऐसा इसलिए होता है कि चीता जब अपने शिकार के लिए दौड़ता है तो वह एक मिनट से ज्यादा उस रफ्तार को बरकरार नही रख पाता क्योकिं तेज रफ्तार से दौड़ने के बाद चीते की शारीरिक तापमान बढ़ जाती है और वह अचानक से असहज हो जाता है। सामान्यत: चीते की शारीरिक तापमान 38 डिग्री होती है लेकिन जब वह किसी शिकार के लिए दौड़ता है तो यही तापमान बढ़कर 40 डिग्री हो जाती है और फिर चीता पहले की गति को बरकरार रखने में असहज हो जाता है।
70 साल बाद #CheetahIsBack!
#भारत में चीते की पुनः वापसी वन्यजीव संवर्धन एवं प्रकृति संरक्षण के लिए ऐतिहासिक क्षण है। देश से विलुप्त हो चुके चीतों का पुनर्वास कर भारत भूमि को इनके स्वच्छंद विचरण का सौभाग्य देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार ।।
#CheetahReturns
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