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गुरुवार शाम को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के रोने के वीडियो को देखने के बाद किसानों के आंदोलन ने फिर से जोर पकड़ लिया है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पंचायतें अब किसान आंदोलन को बढ़-चढ़कर आगे बढ़ाना चाह रही हैं। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, चरखी दादरी में खाप ने तो मामले में सख्त रुख अपना लिया है। खाप ने फैसला लिया है कि गांव के हर परिवार का एक आदमी 3 दिन के लिए दिल्ली बॉर्डर पर धरने प्रदर्शन में शामिल होगा। ऐसा न करने पर परिवार पर खाप जुर्माना लगाएगी। वहीं खाप ने भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करने का भी फैसला किया है। खाप ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर इन पार्टियों का कोई नेता उनके यहां आया तो वे उसके कपड़े फाड़ देंगे।मालूम हो कि फोगाट खाप की तरफ से सभी जातियों की पंचायत बुलाई गई थी। सभी ने मिलकर सरकार के के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी की है। खाप की महापंचायत में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेताओं के बहिष्कार का भी फैसला लिया गया। सर्वजातीय पंचायत ने फैसला लिया है कि सभी गांवों में भाजपा और जजपा के नेताओं को घुसने नहीं दिया जाएगा।खाप के एक नेता ने बताया कि अगर इन पार्टी का नेता गांव में दाखिल होता है तो उसके कपड़े फाड़ दिए जाएंगे। खाप नेताओं ने बताया कि किसान मिलकर किसान आंदोलन को मजबूत करने का काम करेंगे। गांव वालों ने कमर कस ली है और वे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।सर्वजातीय दाड़न खाप चबूतरा पालवां की शुक्रवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हर गांव से लोगों को भेजा जाएगा। खाप के प्रधान दलबीर खेड़ी मंसानिया की अध्यक्षता में खाप के चबूतरे पर हुई बैठक में गणतंत्र दिवस पर लाल किला परिसर में हुई घटना की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की गई।बैठक में किसानों पर दर्ज मामलों को रद्द करने और दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए ट्रैक्टरों को छोड़ने की मांग भी की गई। इस दौरान वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करना चाहती है। खाप से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि खाप हर गांव से लोगों को दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में भेजेगी।उन्होंने कहा कि बैठक में फैसला किया गया कि हर गांव के हर परिवार से एक सदस्य इस आंदोलन में हिस्सा लेगा। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत की सराहना की गई। खाप महासचिव आजाद पालवां ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे आंदोलन में संयम बरतें क्योंकि यह लड़ाई संयम और अनुशासन से लड़नी है। इस दौरान खाप प्रधान मंसानिया ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपने हक की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं और सभी लोग किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हैं।वहीं, करसिंधु गांव में हुई एक बैठक में लोगों ने अधिक से अधिक ट्रैक्टर लेकर दिल्ली बॉर्डर पहुंचने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड में क्षेत्र से सर्वाधिक ट्रैक्टर करसिंधु गांव से गए थे। इसके साथ ही उचाना कलां गांव में भी ग्रामीणों की बैठक हुई जिसमें हर परिवार से एक व्यक्ति की भागीदारी किसान आंदोलन में सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।वहीं, काकड़ोद गांव में हुई पंचायत में भी किसान आंदोलन को मजबूती देने का फैसला किया गया। इसके साथ ही 30 जनवरी को जिले की खाप-पंचायतों की बैठक बुलाई गई है।बता दें कि आज 200 से ज्यादा लोगों के एक समूह ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की जगह पर पत्थरबाजी की और किसानों के टेंटों को उखाड़ने की कोशिश की। इस दौरान दो पुलिस कर्मी घायल हो गए। एक पुलिसकर्मी झड़प के दौरान तलवार से घायल हो गया। गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद से बनी हुई तनाव की स्थिति के बीच आज दोपहर सिंघू बॉर्डर पर हिंसा हुई।The farmers' movement has gained momentum after watching a video of Indian farmer union leader Rakesh Tikait crying on Thursday evening. Panchayats in Punjab, Haryana and Western Uttar Pradesh are now keenly advancing the peasant movement. By social worker Vanita Kasani in Punjab, Charkhi Dadri, Khap has taken a tough stand in the matter. Khap has decided that a man from every family in the village will join the protest demonstration on the Delhi border for 3 days. Failure to do so will impose khap penalty on the family. At the same time, Khap has also decided to socially boycott the leaders of Bharatiya Janata Party and Jananayak Janata Party. Khap has said in a strict tone that if a leader of these parties comes to them, they will tear his clothes. Know that Panchayat of all castes was called by Phogat Khap. Together, everyone has prepared to open a front against the government. It was also decided to boycott the leaders of the Bharatiya Janata Party and Jananayak Janata Party in the Mahapanchayat of Khap. The panchayat panchayat has decided that BJP and JJP leaders will not be allowed to enter all villages. A Khap leader told that if the leader of these party enters the village then his clothes will be torn. Khap leaders said that the farmers will work together to strengthen the peasant movement. The villagers have geared up and they are not going to back down. It was decided in the meeting of the all-inclusive Daddan Khap Chabutra Palawan on Friday that people from every village would be sent to join the protest on the Delhi borders against the three new agricultural laws. In a meeting held on the platform of Khap under the chairmanship of Khap's head Dalbir Kheri Mansania, the incident on the Red Fort complex on Republic Day demanded an inquiry by a retired judge of the Supreme Court. The meeting also demanded cancellation of cases registered on farmers and release of tractors caught by Delhi Police. During this, the speakers alleged that the government wanted to discredit the peasant movement. Sources associated with Khap said that it was decided in the meeting that Khap will send people from every village to the demonstration going on the Delhi border. He said that it was decided in the meeting that one member from every family of every village would take part in this movement. Farmer leader Rakesh Tikait was appreciated at the meeting. Khap general secretary Azad Palawan said that the youth should exercise restraint in the movement as this fight is to fight with restraint and discipline. During this, Khap Pradhan Mansania said that the farmers are peacefully staging a demand for their rights and all the people are with the farmer leader Rakesh Tikait. At the same time, in a meeting held in Karsindhu village, people decided to reach the Delhi border with maximum tractors. It is noteworthy that on Republic Day, most tractors from the region went to Karsindhu village in the Farmers Tractor Parade in Delhi. Along with this, a meeting of villagers was also held in Uchana Kalan village in which it was decided to ensure participation of one person from every family in the farmers movement. At the same time, it was decided to strengthen the peasant movement in the panchayat held in Kakodod village. With this, a meeting of Khap-Panchayats of the district has been called on 30 January. Let me tell you that today a group of more than 200 people threw stones at the site of the farmers 'protests along the Singhu border and tried to uproot the farmers' tents. Two policemen were injured during this period. A policeman was injured by a sword during the skirmish. Violence erupted on the Singhu border this afternoon amid a state of tension created since the Republic Day violence.,

गुरुवार शाम को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के रोने के वीडियो को देखने के बाद किसानों के आंदोलन ने फिर से जोर पकड़ लिया है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पंचायतें अब किसान आंदोलन को बढ़-चढ़कर आगे बढ़ाना चाह रही हैं। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, चरखी दादरी में खाप ने तो मामले में सख्त रुख अपना लिया है। खाप ने फैसला लिया है कि गांव के हर परिवार का एक आदमी 3 दिन के लिए दिल्ली बॉर्डर पर धरने प्रदर्शन में शामिल होगा। ऐसा न करने पर परिवार पर खाप जुर्माना लगाएगी। वहीं खाप ने भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करने का भी फैसला किया है। खाप ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर इन पार्टियों का कोई नेता उनके यहां आया तो वे उसके कपड़े फाड़ देंगे।मालूम हो कि फोगाट खाप की तरफ से सभी जातियों की पंचायत बुलाई गई थी। सभी ने मिलकर सरकार के के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी की है। खाप की महापंचायत में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेताओं के बहिष्कार का भी फैसला लिया गया। सर्वजातीय पंचायत ने फैसला लिया है कि सभी गांवों में भाजपा और जजपा के नेताओं को घुसने नहीं दिया जाएगा।

खाप के एक नेता ने बताया कि अगर इन पार्टी का नेता गांव में दाखिल होता है तो उसके कपड़े फाड़ दिए जाएंगे। खाप नेताओं ने बताया कि किसान मिलकर किसान आंदोलन को मजबूत करने का काम करेंगे। गांव वालों ने कमर कस ली है और वे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।

सर्वजातीय दाड़न खाप चबूतरा पालवां की शुक्रवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हर गांव से लोगों को भेजा जाएगा। खाप के प्रधान दलबीर खेड़ी मंसानिया की अध्यक्षता में खाप के चबूतरे पर हुई बैठक में गणतंत्र दिवस पर लाल किला परिसर में हुई घटना की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की गई।

बैठक में किसानों पर दर्ज मामलों को रद्द करने और दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए ट्रैक्टरों को छोड़ने की मांग भी की गई। इस दौरान वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करना चाहती है। खाप से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि खाप हर गांव से लोगों को दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में भेजेगी।

उन्होंने कहा कि बैठक में फैसला किया गया कि हर गांव के हर परिवार से एक सदस्य इस आंदोलन में हिस्सा लेगा। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत की सराहना की गई। खाप महासचिव आजाद पालवां ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे आंदोलन में संयम बरतें क्योंकि यह लड़ाई संयम और अनुशासन से लड़नी है। इस दौरान खाप प्रधान मंसानिया ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपने हक की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं और सभी लोग किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हैं।

वहीं, करसिंधु गांव में हुई एक बैठक में लोगों ने अधिक से अधिक ट्रैक्टर लेकर दिल्ली बॉर्डर पहुंचने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड में क्षेत्र से सर्वाधिक ट्रैक्टर करसिंधु गांव से गए थे। इसके साथ ही उचाना कलां गांव में भी ग्रामीणों की बैठक हुई जिसमें हर परिवार से एक व्यक्ति की भागीदारी किसान आंदोलन में सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।

वहीं, काकड़ोद गांव में हुई पंचायत में भी किसान आंदोलन को मजबूती देने का फैसला किया गया। इसके साथ ही 30 जनवरी को जिले की खाप-पंचायतों की बैठक बुलाई गई है।

बता दें कि आज 200 से ज्यादा लोगों के एक समूह ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की जगह पर पत्थरबाजी की और किसानों के टेंटों को उखाड़ने की कोशिश की। इस दौरान दो पुलिस कर्मी घायल हो गए। एक पुलिसकर्मी झड़प के दौरान तलवार से घायल हो गया। गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद से बनी हुई तनाव की स्थिति के बीच आज दोपहर सिंघू बॉर्डर पर हिंसा हुई।The farmers' movement has gained momentum after watching a video of Indian farmer union leader Rakesh Tikait crying on Thursday evening. Panchayats in Punjab, Haryana and Western Uttar Pradesh are now keenly advancing the peasant movement. By social worker Vanita Kasani in Punjab, Charkhi Dadri, Khap has taken a tough stand in the matter. Khap has decided that a man from every family in the village will join the protest demonstration on the Delhi border for 3 days. Failure to do so will impose khap penalty on the family. At the same time, Khap has also decided to socially boycott the leaders of Bharatiya Janata Party and Jananayak Janata Party. Khap has said in a strict tone that if a leader of these parties comes to them, they will tear his clothes. Know that Panchayat of all castes was called by Phogat Khap. Together, everyone has prepared to open a front against the government. It was also decided to boycott the leaders of the Bharatiya Janata Party and Jananayak Janata Party in the Mahapanchayat of Khap. The panchayat panchayat has decided that BJP and JJP leaders will not be allowed to enter all villages.

 A Khap leader told that if the leader of these party enters the village then his clothes will be torn. Khap leaders said that the farmers will work together to strengthen the peasant movement. The villagers have geared up and they are not going to back down.

 It was decided in the meeting of the all-inclusive Daddan Khap Chabutra Palawan on Friday that people from every village would be sent to join the protest on the Delhi borders against the three new agricultural laws. In a meeting held on the platform of Khap under the chairmanship of Khap's head Dalbir Kheri Mansania, the incident on the Red Fort complex on Republic Day demanded an inquiry by a retired judge of the Supreme Court.

 The meeting also demanded cancellation of cases registered on farmers and release of tractors caught by Delhi Police. During this, the speakers alleged that the government wanted to discredit the peasant movement. Sources associated with Khap said that it was decided in the meeting that Khap will send people from every village to the demonstration going on the Delhi border.

 He said that it was decided in the meeting that one member from every family of every village would take part in this movement. Farmer leader Rakesh Tikait was appreciated at the meeting. Khap general secretary Azad Palawan said that the youth should exercise restraint in the movement as this fight is to fight with restraint and discipline. During this, Khap Pradhan Mansania said that the farmers are peacefully staging a demand for their rights and all the people are with the farmer leader Rakesh Tikait.

 At the same time, in a meeting held in Karsindhu village, people decided to reach the Delhi border with maximum tractors. It is noteworthy that on Republic Day, most tractors from the region went to Karsindhu village in the Farmers Tractor Parade in Delhi. Along with this, a meeting of villagers was also held in Uchana Kalan village in which it was decided to ensure participation of one person from every family in the farmers movement.

 At the same time, it was decided to strengthen the peasant movement in the panchayat held in Kakodod village. With this, a meeting of Khap-Panchayats of the district has been called on 30 January.

 Let me tell you that today a group of more than 200 people threw stones at the site of the farmers 'protests along the Singhu border and tried to uproot the farmers' tents. Two policemen were injured during this period. A policeman was injured by a sword during the skirmish. Violence erupted on the Singhu border this afternoon amid a state of tension created since the Republic Day violence.

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"ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः" का जाप करें. मां लक्ष्मी जीवन की तमाम समस्याओं का समाधान कर सकती हैं. बस उनते सच्चे मन से अपनी बात पहुंचानी होगी और जब धरती पर साक्षात आएं तो इससे पावन घड़ी और क्या हो सकती है. #शरद_पूर्णिमा #राजस्थान #हरियाणा #संगरिया वर्ष के बारह महीनों में ये पूर्णिमा ऐसी है, जो तन, मन और धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। इस पूर्णिमा को चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, तो धन की देवी महालक्ष्मी रात को ये देखने के लिए निकलती हैं कि कौन जाग रहा है और वह अपने कर्मनिष्ठ भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करती हैं। शरद_ पूर्णिमा का एक नाम *कोजागरी पूर्णिमा* भी है यानी लक्ष्मी जी पूछती हैं- कौन जाग रहा है? अश्विनी महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम अश्विनी पड़ा है। एक महीने में चंद्रमा जिन 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, उनमें ये सबसे पहला है और #आश्विन_नक्षत्र की पूर्णिमा आरोग्य देती है। केवल शरद_पूर्णिमा को ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होता है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी। चंद्रमा की किरणों से इस पूर्णिमा को अमृत बरसता है। #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम वर्ष भर इस #पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं। जीवनदायिनी रोगनाशक जड़ी-बूटियों को वह शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा बनायी जाती है तो वह रोगी के ऊपर तुंरत असर करती है। चंद्रमा को वेदं-पुराणों में मन के समान माना गया है- चंद्रमा_मनसो_जात:।वायु पुराण में चंद्रमा को जल का कारक बताया गया है। प्राचीन ग्रंथों में चंद्रमा को औषधीश यानी औषधियों का स्वामी कहा गया है। ब्रह्मपुराण के अनुसार- सोम या चंद्रमा से जो सुधामय तेज पृथ्वी पर गिरता है उसी से औषधियों की उत्पत्ति हुई और जब औषधी 16 कला संपूर्ण हो तो अनुमान लगाइए उस दिन औषधियों को कितना बल मिलेगा। #शरद_पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी #खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है। लेकिन इस #खीर को एक विशेष विधि से बनाया जाता है। पूरी रात चांद की चांदनी में रखने के बाद सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है। #शरद_पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्वयं सोलह कला संपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ी है यह पूर्णिमा। इस रात को अपनी राधा रानी और अन्य सखियों के साथ श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं। कहते हैं जब वृन्दावन में भगवान कृष्ण महारास रचा रहे थे तो चंद्रमा आसमान से सब देख रहा था और वह इतना भाव-विभोर हुआ कि उसने अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर #अमृत_की_वर्षा आरंभ कर दी। गुजरात में #शरद_पूर्णिमा को लोग रास रचाते हैं और गरबा खेलते हैं। मणिपुर में भी श्रीकृष्ण भक्त रास रचाते हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूर्णिमा को जो महालक्ष्मी का पूजन करते हैं और रात भर जागते हैं, उनकी सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। ओडिशा में #शरद_पूर्णिमा को #कुमार_पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। आदिदेव महादेव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म इसी पूर्णिमा को हुआ था। गौर वर्ण, आकर्षक, सुंदर कार्तिकेय की पूजा कुंवारी लड़कियां उनके जैसा पति पाने के लिए करती हैं। #शरद_पूर्णिमा ऐसे महीने में आती है, जब वर्षा ऋतु अंतिम समय पर होती है। शरद ऋतु अपने बाल्यकाल में होती है और हेमंत ऋतु आरंभ हो चुकी होती है और इसी पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है। #घटता_बढ़ता_चांद यहाँ हर कोई #उस चांद सा है.. जो कभी बढ़ रहा है तो कभी घट रहा है.. वो कभी #पूर्णिमा की रात सा रोशनी बिखेर रहा है.. तो कभी #अमावस की रात में एक अंधेरे सा हो रहा है.. यहाँ हर किसी की यही फितरत है.. हम खुद भी इसका अपवाद नही है.. हम सब ऐसे ही बने हैं ऐसे ही बनाये गए हैं.. यकीं न हो तो पल भर को सोचिए की आखिर क्यूँ हर सुबह जब हम सोकर उठते हैं.. तो हम पिछली सुबह से अलग होते हैं.. #कभी_कमजोर.. तो कभी_ताकतवर महसूस करते हैं.. मसला बस इतना सा है, की #हम_हर_दिन दूसरों को बस पूर्णिमा का चांद सा देखना चाहते हैं.. इस सच से बेखबर की घटना/बढ़ना हम सभी की फितरत है.. इसमें कुछ भी नया नही है.. हम खुद भी अक्सर पूर्णिमा के चाँद से अमावस का चांद होने की राह पर होते हैं.. हम खुद भी कमजोर हो रहे होते हैं.. बस हम इसे देख नही पाते.. अपनी नासमझी में हम शायद कुदरत के इस सबसे बड़े कायदे को ही भूल बैठे हैं.. अगर इस तरह घटना बढ़ना ही हमारी फितरत है.. तो आखिर सुकून क्या है.. #अपने_अहंकार, #अपनी_ज़िद्द से कहीँ दूर किसी कोने में बैठकर.. खुद में और दूसरों में घटते बढ़ते इस चांद को देखना.. उसे महसूस करना.. इस कुदरत को समझना. उसके कायदों को समझना..#फिर_हल्के_से_मुस्कुराना.. बस यही सुकून है..🙏🙏 (ये पोस्ट वनिता कासनियां पंजाब किसी ने भेजा था l) ॐ। 9 अक्तूबर २०२२ रविवार #शरद #पूर्णिमा है , #अश्विन मास की शरद पूर्णिमा बेहद खास होती है क्योंकि साल में एक बार आने वाली ये पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है. इसे कुछ लोग #रास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. क्योंकि #श्रीकृष्ण ने महारास किया था। कहा जाता है कि इस रात में #खीर को खुले आसमान में चंद्रमा के प्रकाश में रखा जाता है और उसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है. बता दें इस बार शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर गुरुवार आज है. सनातन परंपरा के अनुसार कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. मान्यता है की शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत वर्षा करता है. जो स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होती है. इस रात लोग मान्यता के अनुसार खुले में खीर बनाकर रखते हैं और सुबह उसे सब के बीच में बांटा जाता है. यही कारण है कि इस रात लोग अपनी छतों पर या चंद्रमा के आगे खीर बनाकर रखते हैं और प्रसाद के रूप में खीर को बांटा जाता है। बड़ी ही उत्तम तिथि है शरद पूर्णिमा. इसे #कोजागरी व्रत के रूप में भी मनाया जाता है. कहते हैं ये दिन इतना शुभ और सकारात्मक होता है कि छोटे से उपाय से बड़ी-बड़ी विपत्तियां टल जाती हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी दिन मां #लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए धन प्राप्ति के लिए भी ये तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है. इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग-अलग वरदान प्राप्त किए जाते है शरद पूर्णिमा का महत्व - शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है. - इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और #सोलह कलाओं से युक्त होता है. - इस दिन चन्द्रमा से #अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है. - #प्रेम और #कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था. - इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन #सेहत, अपार #प्रेम और खूब सारा #धन पाया जा सकता है - पर #प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है. इस बार शरद पूर्णिमा 05 अक्टूबर को होगी शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जान लेना जरूरी है. शरद पूर्णिमा #व्रत विधि - पूर्णिमा के दिन सुबह में #इष्ट #देव का पूजन करना चाहिए. - #इन्द्र और #महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. - #गरीब बे #सहारा को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए. - लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. - रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए. - #गरीबों में खीर आदि #दान करने का विधि-विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है. शरद पूर्णिमा की सावधानियां - इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें. - उपवास ना भी रखें तो भी इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए. - इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा. अगर आप शरद पूर्णिमा का पूर्ण शुभ फल पाना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए इन नियमों को ध्यान में जरूर रखिएगा। #शरद_पूर्णिमा के दिन इस #व्रत_कथा को पढ़ने और सुनने से #मां_लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न। #शरद_पूर्णिमा ९ अक्टूबर को है. शरद पूर्णिमा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा को कौमुदी यानी मूनलाइट में खीर को रखा जाता है. क्योंकि चंद्रमा की किरणों से अमृत की बारिश होती है. इस दिन शाम को मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. मान्यता है कि सच्चे मन ने पूजा- अराधना करने वाले भक्तों पर मां लक्ष्मी कृपा बरसाती हैं. #शरद_पूर्णिमा_की_पौराणिक_कथा #शरद_पूर्णिमा की पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत पुराने समय की बात है एक नगर में एक सेठ (साहूकार) को दो बेटियां थीं. दोनो पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थीं. लेकिन बड़ी पुत्री पूरा व्रत करती थी और छोटी पुत्री अधूरा व्रत करती थी. इसका परिणाम यह हुआ कि छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी. उसने पंडितों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया की तुम पूर्णिमा का अधूरा व्रत करती थी, जिसके कारण तुम्हारी संतान पैदा होते ही मर जाती है. पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक करने से तुम्हारी संतान जीवित रह सकती है. उसने हिंदू धर्म की सलाह पर पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक किया. बाद में उसे एक लड़का पैदा हुआ. जो कुछ दिनों बाद ही फिर से मर गया. उसने लड़के को एक पाटे (पीढ़ा) पर लेटा कर ऊपर से कपड़ा ढंक दिया. फिर बड़ी बहन को बुलाकर लाई और बैठने के लिए वही पाटा दे दिया. बड़ी बहन जब उस पर बैठने लगी जो उसका घाघरा बच्चे को छू गया. बच्चा घाघरा छूते ही रोने लगा. तब बड़ी बहन ने कहा कि तुम मुझे कलंक लगाना चाहती थी. मेरे बैठने से यह मर जाता. तब छोटी बहन बोली कि यह तो पहले से मरा हुआ था. तेरे ही भाग्य से यह जीवित हो गया है. तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है. उसके बाद नगर में उसने पूर्णिमा का पूरा व्रत करने का ढिंढोरा पिटवा दिया. . #शरद_पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व रोगियों के लिए वरदान हैं शरद पूर्णिमा की रात एक अध्ययन के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन औषधियों की स्पंदन क्षमता अधिक होती है। रसाकर्षण के कारण जब अंदर का पदार्थ सांद्र होने लगता है, तब रिक्तिकाओं से विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है। लंकाधिपति रावण शरद पूर्णिमा की रात किरणों को दर्पण के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। इस प्रक्रिया से उसे पुनर्योवन शक्ति प्राप्त होती थी। चांदनी रात में 10 से मध्यरात्रि 12 बजे के बीच कम वस्त्रों में घूमने वाले व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है। सोमचक्र, नक्षत्रीय चक्र और आश्विन के त्रिकोण के कारण शरद ऋतु से ऊर्जा का संग्रह होता है और बसंत में निग्रह होता है। अध्ययन के अनुसार दुग्ध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर खुले आसमान में रखने का विधान किया है। यह परंपरा विज्ञान पर आधारित है। शोध के अनुसार खीर को चांदी के पात्र में बनाना चाहिए। चांदी में प्रतिरोधकता अधिक होती है। इससे विषाणु दूर रहते हैं। हल्दी का उपयोग निषिद्ध है। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 30 मिनट तक शरद पूर्णिमा का स्नान करना चाहिए। रात्रि 10 से 12 बजे तक का समय उपयुक्त रहता है। वर्ष में एक बार शरद पूर्णिमा की रात दमा रोगियों के लिए वरदान बनकर आती है। इस रात्रि में दिव्य औषधि को खीर में मिलाकर उसे चांदनी रात में रखकर प्रात: 4 बजे सेवन किया जाता है। रोगी को रात्रि जागरण करना पड़ता है और औ‍षधि सेवन के पश्चात 2-3 किमी पैदल चलना लाभदायक रहता है।

    Sharad Purnima 2022 Date: शरद पूर्णिमा कब है? जानें इस दिन क्यों खाते हैं चांद की रोशनी में रखी खीर By #वनिता #कासनियां #पंजाब🌺🙏🙏🌺 Sharad Purnima 2022 Date: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. #facebook #twitter जानें, शरद पूर्णिमा की चमत्कारी खीर खाने से क्या होते हैं फायदे Sharad Purnima 2022 Date: हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व ज्यादा खास बताया गया है. #हिंदू #धर्म #ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर #चंद्रमा #पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को पड़ रही है. शरद पूर्णिमा की तिथि अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्...

समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं।बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे। देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं। बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे।  देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए। #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा #देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं , पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳 #अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺 पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹 सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें। नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

लोहड़ी 2021: आज देशभर में मनाई जा रही लोहड़ी, जानिए क्या है इस त्यौहार का महत्व ये त्योहार सुबह से शुरू होकर शाम तक चलता है. लोग पूजा के दौरान आग में मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ चढ़ाते हैं. आग में ये चीजें चढ़ाते समय 'आधार आए दिलाथेर जाए' बोला जाता है. इसका मतलब होता है कि घर में सम्मान आए और गरीबी जाए. किसान सूर्य देवता को भी नमन कर धन्यवाद देते हैं. ये भी माना जाता है कि किसान खेतों में आग जलाकर अग्नि देव से खेतों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रार्थना करते हैं.इसके बाद मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं. लोहड़ी के दिन पकवान के तौर पर मीठे गुड के तिल के चावल, सरसों का साग, मक्के की रोटी बनाई जाती है. लोग इस दिन गुड़-गज्जक खाना शुभ मानते हैं. पूजा के बाद लोग भांगड़ा और गिद्दा करते हैं.लोहड़ी का महत्वलोहड़ी का भारत में बहुत महत्व है. लोहड़ी एक ऐसे पर्व के रूप में मनाई जाती है जो सर्दियों के जाने और बसंत के आने का संकेत है. लोहड़ी यूं तो आग लगाकर सेलिब्रेट की जाती है लेकिन लकड़ियों के अलावा उपलों से भी आग लगाना शुभ माना जाता है.लोहड़ी के पावन मौके पर लोग रबी की फसल यानि गेहूं, जौ, चना, मसूर और सरसों की फसलों को आग को समर्पित करते हैं. इस तरीके से देवताओं को चढ़ावा और धन्यवाद दिया जाता है. ये वही समय होता है जब रबी की फसलें कटघर घर आने लगती हैं. आमतौर लोहड़ी का त्योहार सूर्य देव और अग्नि को आभार प्रकट करने, फसल की उन्नति की कामना करने के लिए मनाया जाता है.लोहड़ी का महत्व एक और वजह से हैं क्योंकि इस दिन सूर्य मकर राशि से गुजर कर उत्तर की ओर रूख करता है. ज्योतिष के मुताबिक, लोहड़ी के बाद से सूर्य उत्तारायण बनाता है जिसे जीवन और सेहत से जोड़कर देखा जाता है.आखिर क्यों मनाते हैं लोहड़ीआपने लोहड़ी तो खूब मनाई होगी लेकिन क्या असल में आप जानते हैं क्यों मनाई जाती है लोहड़ी. बहुत से लोग लोहड़ी को साल का सबसे छोटा दिन और रात सबसे लंबी के तौर पर मनाते हैं. पारंपरिक मान्यता के अनुसार, लोहड़ी फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाई जाती है. लोहड़ी को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इस दिन लोहड़ी का जन्म होलिका की बहन के रूप में हुआ था. बेशक होलिका का दहन हो गया था. किसान लोहड़ी के दिन को नए साल की आर्थिक शुरुआत के रूप में भी मनाते हैं.,