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शाह ने अहमदाबाद के शिलज में एक किलोमीटर लंबे ओवरब्रिज के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान यह बात कही।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,शाह ने कहा, "जिस तरह से हमारी भाजपा एक्स सरकार देश में ग्रामीण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी आवास परियोजनाएं चला रही है, मुझे पूरा भरोसा है कि 15 अगस्त 2022 तक देश में सभी को रहने के लिए एक घर की सुविधा होगी। नरेंद्र मोदी सरकार ने 10 करोड़ से अधिक किफायती आवास प्रदान किए हैं।"उन्होंने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उज्‍जवला योजना के तहत 13 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर प्रदान किए गए। हमारी सरकार ने देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाई है और अब हम 2022 तक देश के हर घर में पानी की कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं।"शाह ने हिंदी में ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पीएमएवाई-जी के तहत अभी तक 1.26 करोड़ आवास बन चुके हैं। उन्होंने कहा, ''पीएमएवाई-जी गरीबों को सम्मानित जीवन देने के लिए मोदी जी का एक संकल्प है। प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई-जी से उत्तर प्रदेश के 6.1 लाख लाभार्थियों को 2,691 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी कर 2022 तक हर व्यक्ति के सर पर छत दिये जाने के अपने संकल्प को पुनः प्रमाणित किया है।''गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस योजना के तहत अभी तक 1.26 करोड़ घर बन चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ''बिना किसी भेदभाव के इस योजना से लाभार्थियों को घर के साथ शौचालय, गैस व बिजली कनेक्शन एवं साफ पेयजल देने के लिए अन्य गरीब कल्याण की योजनाओं के साथ जोड़कर लाभ पहुँचाया जा रहा है।''सहायता में 5.30 लाख लाभार्थियों को दी जाने वाली पहली किश्त और 80,000 लाभार्थियों को दी जाने वाली दूसरी किश्त शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी के लिए 2022 तक आवास मुहैया कराने का संकल्प जताया था जिसके लिए 20 नवंबर, 2016 को पीएमएवाई-जी योजना की घोषणा की गयी।केन्द्र ने पीएमएवाई-शहरी के तहत लगभग 1.68 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी दीसरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 1.68 लाख से अधिक मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। इस तरह अब तक मंजूर किये गये मकानों की कुल संख्या 1.1 करोड़ हो गई है। एक बयान में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई है। केन्द्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बताया कि केन्द्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बुधवार को हुई इस बैठक में 14 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों ने भाग लिया।मंत्रालय ने कहा, ''राज्यों ने भूमि, स्थलाकृतिक खतरों, अंतर-शहर पलायन, प्राथमिकता बदलने आदि जैसे विभिन्न मुद्दों के कारण परियोजनाओं के संशोधन के लिए अपने प्रस्ताव रखे।'' पीएमएवाई-यू के तहत अब तक 41 लाख मकानों का काम पूरा हो चुका हैं जबकि 70 लाख से अधिक मकानों के निर्माण का काम विभिन्न चरणों में है। मंत्रालय ने बताया, ''केन्द्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में पीएमएवाई (शहरी) के तहत 1,68,606 नये मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जून 2015 में शुरू की गई पीएमएवाई (यू) का उद्देश्य 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराना है। सरकार ने 2015 से 2022 तक देश में शहरी क्षेत्रों में 1.12 करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने एक बयान में कहा, ''मिशन (पीएमएवाई-यू) के तहत प्रगति स्थिर रही है। हमें सभी बुनियादी भौतिक और सामाजिक ढांचे के साथ मकानों के निर्माण का काम पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना है।''गांधीनगरः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) गरीबों को सम्मानित जीवन प्रदान करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और योजना के लाभ बिना किसी भेदभाव के लोगों को दिये जा रहे हैं।अमित शाह ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार 15 अगस्त, 2022 तक देश के हर नागरिक को घर मुहैया कराएगी।Shah said this during the virtual inauguration of a one kilometer long overbridge at Shilaj in Ahmedabad. By socialist Vanita Kasani Punjab, Shah said, "The way our BJP X government is running housing projects in rural as well as urban areas in the country, I am confident that by August 15, 2022, everyone in the country will have a home facility to live." . The Narendra Modi government has provided more than 10 crore affordable housing. " He said, "More than 13 crore poor families were provided with gas cylinders under the Ujjwala scheme by our Prime Minister Narendra Modi. Our government has provided electricity to all the villages of the country and now we will provide water to every house in the country by 2022 Are working towards providing connectivity. " Shah tweeted in Hindi that under the PMAY-G leadership under the Prime Minister, 1.26 crore houses have been built so far. He said, "PMAY-ji is a pledge of Modi ji to give dignified life to the poor. The Prime Minister has reaffirmed his resolve to provide a ceiling of Rs 2,691 crore to 6.1 lakh beneficiaries of Uttar Pradesh from PMAY-G, to give a roof over the head of every person by 2022. '' The Home Minister said that under the scheme under the leadership of the Prime Minister, 1.26 crore houses have been built so far. He tweeted, "Without any discrimination, this scheme is being extended to the beneficiaries by linking it with other poor welfare schemes for providing toilets, gas and electricity connections and clean drinking water." Assistance includes first installment to 5.30 lakh beneficiaries and second installment to 80,000 beneficiaries. Prime Minister Modi had pledged to provide housing for all by 2022, for which the PMAY-G scheme was announced on 20 November 2016. Center approved construction of about 1.68 lakh houses under PMAY-Urban The government has approved the construction of more than 1.68 lakh houses in urban areas under the Pradhan Mantri Awas Yojana. Thus, the total number of houses sanctioned so far has risen to 1.1 crore. This information has been given on Thursday in a statement. The Union Housing and Urban Affairs Ministry said that the decision was taken in a meeting of the Central Clearance and Monitoring Committee (CSMC). Officers from 14 states and union territories participated in this meeting held on Wednesday. The ministry said, "The states put forth their proposals for revision of projects due to various issues like land, topographical hazards, inter-city migration, change of priority etc." Under PMAY-U, 41 lakh houses have been completed Has been done while construction of more than 7 million houses is in various stages. "In the meeting of the Central Sanctioning and Monitoring Committee (CSMC), the construction of 1,68,606 new houses has been approved under PMAY (Urban)," the Ministry said. The PMAY (U), launched in June 2015 by Prime Minister Narendra Modi, aims to provide housing for all by 2022. The government has targeted to build 1.12 crore houses in urban areas in the country from 2015 to 2022. Ministry Secretary Durga Shankar Mishra said in a statement, "The progress under the Mission (PMAY-U) has been steady. We have to move towards completing the construction of houses with all the basic physical and social infrastructure. Prime Minister Narendra Modi has the resolve to provide and the benefits of the scheme are being given to the people without any discrimination. Amit Shah said that he was confident that the BJP government at the Center headed by Prime Minister Narendra Modi would provide houses to every citizen of the country by August 15, 2022.,

शाह ने अहमदाबाद के शिलज में एक किलोमीटर लंबे ओवरब्रिज के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान यह बात कही।
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,
शाह ने कहा, "जिस तरह से हमारी भाजपा एक्स सरकार देश में ग्रामीण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी आवास परियोजनाएं चला रही है, मुझे पूरा भरोसा है कि 15 अगस्त 2022 तक देश में सभी को रहने के लिए एक घर की सुविधा होगी। नरेंद्र मोदी सरकार ने 10 करोड़ से अधिक किफायती आवास प्रदान किए हैं।"


उन्होंने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उज्‍जवला योजना के तहत 13 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर प्रदान किए गए। हमारी सरकार ने देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाई है और अब हम 2022 तक देश के हर घर में पानी की कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं।"

शाह ने हिंदी में ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पीएमएवाई-जी के तहत अभी तक 1.26 करोड़ आवास बन चुके हैं। उन्होंने कहा, ''पीएमएवाई-जी गरीबों को सम्मानित जीवन देने के लिए मोदी जी का एक संकल्प है। प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई-जी से उत्तर प्रदेश के 6.1 लाख लाभार्थियों को 2,691 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी कर 2022 तक हर व्यक्ति के सर पर छत दिये जाने के अपने संकल्प को पुनः प्रमाणित किया है।''


गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस योजना के तहत अभी तक 1.26 करोड़ घर बन चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ''बिना किसी भेदभाव के इस योजना से लाभार्थियों को घर के साथ शौचालय, गैस व बिजली कनेक्शन एवं साफ पेयजल देने के लिए अन्य गरीब कल्याण की योजनाओं के साथ जोड़कर लाभ पहुँचाया जा रहा है।''

सहायता में 5.30 लाख लाभार्थियों को दी जाने वाली पहली किश्त और 80,000 लाभार्थियों को दी जाने वाली दूसरी किश्त शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी के लिए 2022 तक आवास मुहैया कराने का संकल्प जताया था जिसके लिए 20 नवंबर, 2016 को पीएमएवाई-जी योजना की घोषणा की गयी।

केन्द्र ने पीएमएवाई-शहरी के तहत लगभग 1.68 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी दी

सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 1.68 लाख से अधिक मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। इस तरह अब तक मंजूर किये गये मकानों की कुल संख्या 1.1 करोड़ हो गई है। एक बयान में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई है। केन्द्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बताया कि केन्द्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बुधवार को हुई इस बैठक में 14 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों ने भाग लिया।

मंत्रालय ने कहा, ''राज्यों ने भूमि, स्थलाकृतिक खतरों, अंतर-शहर पलायन, प्राथमिकता बदलने आदि जैसे विभिन्न मुद्दों के कारण परियोजनाओं के संशोधन के लिए अपने प्रस्ताव रखे।'' पीएमएवाई-यू के तहत अब तक 41 लाख मकानों का काम पूरा हो चुका हैं जबकि 70 लाख से अधिक मकानों के निर्माण का काम विभिन्न चरणों में है। मंत्रालय ने बताया, ''केन्द्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में पीएमएवाई (शहरी) के तहत 1,68,606 नये मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जून 2015 में शुरू की गई पीएमएवाई (यू) का उद्देश्य 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराना है। सरकार ने 2015 से 2022 तक देश में शहरी क्षेत्रों में 1.12 करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने एक बयान में कहा, ''मिशन (पीएमएवाई-यू) के तहत प्रगति स्थिर रही है। हमें सभी बुनियादी भौतिक और सामाजिक ढांचे के साथ मकानों के निर्माण का काम पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना है।''गांधीनगरः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) गरीबों को सम्मानित जीवन प्रदान करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और योजना के लाभ बिना किसी भेदभाव के लोगों को दिये जा रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार 15 अगस्त, 2022 तक देश के हर नागरिक को घर मुहैया कराएगी।Shah said this during the virtual inauguration of a one kilometer long overbridge at Shilaj in Ahmedabad.
 By socialist Vanita Kasani Punjab,
 Shah said, "The way our BJP X government is running housing projects in rural as well as urban areas in the country, I am confident that by August 15, 2022, everyone in the country will have a home facility to live." . The Narendra Modi government has provided more than 10 crore affordable housing. "


 He said, "More than 13 crore poor families were provided with gas cylinders under the Ujjwala scheme by our Prime Minister Narendra Modi. Our government has provided electricity to all the villages of the country and now we will provide water to every house in the country by 2022 Are working towards providing connectivity. "

 Shah tweeted in Hindi that under the PMAY-G leadership under the Prime Minister, 1.26 crore houses have been built so far. He said, "PMAY-ji is a pledge of Modi ji to give dignified life to the poor. The Prime Minister has reaffirmed his resolve to provide a ceiling of Rs 2,691 crore to 6.1 lakh beneficiaries of Uttar Pradesh from PMAY-G, to give a roof over the head of every person by 2022. ''


 The Home Minister said that under the scheme under the leadership of the Prime Minister, 1.26 crore houses have been built so far. He tweeted, "Without any discrimination, this scheme is being extended to the beneficiaries by linking it with other poor welfare schemes for providing toilets, gas and electricity connections and clean drinking water."

 Assistance includes first installment to 5.30 lakh beneficiaries and second installment to 80,000 beneficiaries. Prime Minister Modi had pledged to provide housing for all by 2022, for which the PMAY-G scheme was announced on 20 November 2016.

 Center approved construction of about 1.68 lakh houses under PMAY-Urban

 The government has approved the construction of more than 1.68 lakh houses in urban areas under the Pradhan Mantri Awas Yojana. Thus, the total number of houses sanctioned so far has risen to 1.1 crore. This information has been given on Thursday in a statement. The Union Housing and Urban Affairs Ministry said that the decision was taken in a meeting of the Central Clearance and Monitoring Committee (CSMC). Officers from 14 states and union territories participated in this meeting held on Wednesday.

 The ministry said, "The states put forth their proposals for revision of projects due to various issues like land, topographical hazards, inter-city migration, change of priority etc." Under PMAY-U, 41 lakh houses have been completed Has been done while construction of more than 7 million houses is in various stages. "In the meeting of the Central Sanctioning and Monitoring Committee (CSMC), the construction of 1,68,606 new houses has been approved under PMAY (Urban)," the Ministry said.

 The PMAY (U), launched in June 2015 by Prime Minister Narendra Modi, aims to provide housing for all by 2022. The government has targeted to build 1.12 crore houses in urban areas in the country from 2015 to 2022. Ministry Secretary Durga Shankar Mishra said in a statement, "The progress under the Mission (PMAY-U) has been steady. We have to move towards completing the construction of houses with all the basic physical and social infrastructure. Prime Minister Narendra Modi has the resolve to provide and the benefits of the scheme are being given to the people without any discrimination.

 Amit Shah said that he was confident that the BJP government at the Center headed by Prime Minister Narendra Modi would provide houses to every citizen of the country by August 15, 2022.

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"ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः" का जाप करें. मां लक्ष्मी जीवन की तमाम समस्याओं का समाधान कर सकती हैं. बस उनते सच्चे मन से अपनी बात पहुंचानी होगी और जब धरती पर साक्षात आएं तो इससे पावन घड़ी और क्या हो सकती है. #शरद_पूर्णिमा #राजस्थान #हरियाणा #संगरिया वर्ष के बारह महीनों में ये पूर्णिमा ऐसी है, जो तन, मन और धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। इस पूर्णिमा को चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, तो धन की देवी महालक्ष्मी रात को ये देखने के लिए निकलती हैं कि कौन जाग रहा है और वह अपने कर्मनिष्ठ भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करती हैं। शरद_ पूर्णिमा का एक नाम *कोजागरी पूर्णिमा* भी है यानी लक्ष्मी जी पूछती हैं- कौन जाग रहा है? अश्विनी महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम अश्विनी पड़ा है। एक महीने में चंद्रमा जिन 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, उनमें ये सबसे पहला है और #आश्विन_नक्षत्र की पूर्णिमा आरोग्य देती है। केवल शरद_पूर्णिमा को ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होता है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी। चंद्रमा की किरणों से इस पूर्णिमा को अमृत बरसता है। #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम वर्ष भर इस #पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं। जीवनदायिनी रोगनाशक जड़ी-बूटियों को वह शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा बनायी जाती है तो वह रोगी के ऊपर तुंरत असर करती है। चंद्रमा को वेदं-पुराणों में मन के समान माना गया है- चंद्रमा_मनसो_जात:।वायु पुराण में चंद्रमा को जल का कारक बताया गया है। प्राचीन ग्रंथों में चंद्रमा को औषधीश यानी औषधियों का स्वामी कहा गया है। ब्रह्मपुराण के अनुसार- सोम या चंद्रमा से जो सुधामय तेज पृथ्वी पर गिरता है उसी से औषधियों की उत्पत्ति हुई और जब औषधी 16 कला संपूर्ण हो तो अनुमान लगाइए उस दिन औषधियों को कितना बल मिलेगा। #शरद_पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी #खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है। लेकिन इस #खीर को एक विशेष विधि से बनाया जाता है। पूरी रात चांद की चांदनी में रखने के बाद सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है। #शरद_पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्वयं सोलह कला संपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ी है यह पूर्णिमा। इस रात को अपनी राधा रानी और अन्य सखियों के साथ श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं। कहते हैं जब वृन्दावन में भगवान कृष्ण महारास रचा रहे थे तो चंद्रमा आसमान से सब देख रहा था और वह इतना भाव-विभोर हुआ कि उसने अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर #अमृत_की_वर्षा आरंभ कर दी। गुजरात में #शरद_पूर्णिमा को लोग रास रचाते हैं और गरबा खेलते हैं। मणिपुर में भी श्रीकृष्ण भक्त रास रचाते हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूर्णिमा को जो महालक्ष्मी का पूजन करते हैं और रात भर जागते हैं, उनकी सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। ओडिशा में #शरद_पूर्णिमा को #कुमार_पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। आदिदेव महादेव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म इसी पूर्णिमा को हुआ था। गौर वर्ण, आकर्षक, सुंदर कार्तिकेय की पूजा कुंवारी लड़कियां उनके जैसा पति पाने के लिए करती हैं। #शरद_पूर्णिमा ऐसे महीने में आती है, जब वर्षा ऋतु अंतिम समय पर होती है। शरद ऋतु अपने बाल्यकाल में होती है और हेमंत ऋतु आरंभ हो चुकी होती है और इसी पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है। #घटता_बढ़ता_चांद यहाँ हर कोई #उस चांद सा है.. जो कभी बढ़ रहा है तो कभी घट रहा है.. वो कभी #पूर्णिमा की रात सा रोशनी बिखेर रहा है.. तो कभी #अमावस की रात में एक अंधेरे सा हो रहा है.. यहाँ हर किसी की यही फितरत है.. हम खुद भी इसका अपवाद नही है.. हम सब ऐसे ही बने हैं ऐसे ही बनाये गए हैं.. यकीं न हो तो पल भर को सोचिए की आखिर क्यूँ हर सुबह जब हम सोकर उठते हैं.. तो हम पिछली सुबह से अलग होते हैं.. #कभी_कमजोर.. तो कभी_ताकतवर महसूस करते हैं.. मसला बस इतना सा है, की #हम_हर_दिन दूसरों को बस पूर्णिमा का चांद सा देखना चाहते हैं.. इस सच से बेखबर की घटना/बढ़ना हम सभी की फितरत है.. इसमें कुछ भी नया नही है.. हम खुद भी अक्सर पूर्णिमा के चाँद से अमावस का चांद होने की राह पर होते हैं.. हम खुद भी कमजोर हो रहे होते हैं.. बस हम इसे देख नही पाते.. अपनी नासमझी में हम शायद कुदरत के इस सबसे बड़े कायदे को ही भूल बैठे हैं.. अगर इस तरह घटना बढ़ना ही हमारी फितरत है.. तो आखिर सुकून क्या है.. #अपने_अहंकार, #अपनी_ज़िद्द से कहीँ दूर किसी कोने में बैठकर.. खुद में और दूसरों में घटते बढ़ते इस चांद को देखना.. उसे महसूस करना.. इस कुदरत को समझना. उसके कायदों को समझना..#फिर_हल्के_से_मुस्कुराना.. बस यही सुकून है..🙏🙏 (ये पोस्ट वनिता कासनियां पंजाब किसी ने भेजा था l) ॐ। 9 अक्तूबर २०२२ रविवार #शरद #पूर्णिमा है , #अश्विन मास की शरद पूर्णिमा बेहद खास होती है क्योंकि साल में एक बार आने वाली ये पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है. इसे कुछ लोग #रास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. क्योंकि #श्रीकृष्ण ने महारास किया था। कहा जाता है कि इस रात में #खीर को खुले आसमान में चंद्रमा के प्रकाश में रखा जाता है और उसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है. बता दें इस बार शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर गुरुवार आज है. सनातन परंपरा के अनुसार कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. मान्यता है की शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत वर्षा करता है. जो स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होती है. इस रात लोग मान्यता के अनुसार खुले में खीर बनाकर रखते हैं और सुबह उसे सब के बीच में बांटा जाता है. यही कारण है कि इस रात लोग अपनी छतों पर या चंद्रमा के आगे खीर बनाकर रखते हैं और प्रसाद के रूप में खीर को बांटा जाता है। बड़ी ही उत्तम तिथि है शरद पूर्णिमा. इसे #कोजागरी व्रत के रूप में भी मनाया जाता है. कहते हैं ये दिन इतना शुभ और सकारात्मक होता है कि छोटे से उपाय से बड़ी-बड़ी विपत्तियां टल जाती हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी दिन मां #लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए धन प्राप्ति के लिए भी ये तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है. इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग-अलग वरदान प्राप्त किए जाते है शरद पूर्णिमा का महत्व - शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है. - इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और #सोलह कलाओं से युक्त होता है. - इस दिन चन्द्रमा से #अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है. - #प्रेम और #कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था. - इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन #सेहत, अपार #प्रेम और खूब सारा #धन पाया जा सकता है - पर #प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है. इस बार शरद पूर्णिमा 05 अक्टूबर को होगी शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जान लेना जरूरी है. शरद पूर्णिमा #व्रत विधि - पूर्णिमा के दिन सुबह में #इष्ट #देव का पूजन करना चाहिए. - #इन्द्र और #महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. - #गरीब बे #सहारा को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए. - लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. - रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए. - #गरीबों में खीर आदि #दान करने का विधि-विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है. शरद पूर्णिमा की सावधानियां - इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें. - उपवास ना भी रखें तो भी इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए. - इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा. अगर आप शरद पूर्णिमा का पूर्ण शुभ फल पाना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए इन नियमों को ध्यान में जरूर रखिएगा। #शरद_पूर्णिमा के दिन इस #व्रत_कथा को पढ़ने और सुनने से #मां_लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न। #शरद_पूर्णिमा ९ अक्टूबर को है. शरद पूर्णिमा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा को कौमुदी यानी मूनलाइट में खीर को रखा जाता है. क्योंकि चंद्रमा की किरणों से अमृत की बारिश होती है. इस दिन शाम को मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. मान्यता है कि सच्चे मन ने पूजा- अराधना करने वाले भक्तों पर मां लक्ष्मी कृपा बरसाती हैं. #शरद_पूर्णिमा_की_पौराणिक_कथा #शरद_पूर्णिमा की पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत पुराने समय की बात है एक नगर में एक सेठ (साहूकार) को दो बेटियां थीं. दोनो पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थीं. लेकिन बड़ी पुत्री पूरा व्रत करती थी और छोटी पुत्री अधूरा व्रत करती थी. इसका परिणाम यह हुआ कि छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी. उसने पंडितों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया की तुम पूर्णिमा का अधूरा व्रत करती थी, जिसके कारण तुम्हारी संतान पैदा होते ही मर जाती है. पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक करने से तुम्हारी संतान जीवित रह सकती है. उसने हिंदू धर्म की सलाह पर पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक किया. बाद में उसे एक लड़का पैदा हुआ. जो कुछ दिनों बाद ही फिर से मर गया. उसने लड़के को एक पाटे (पीढ़ा) पर लेटा कर ऊपर से कपड़ा ढंक दिया. फिर बड़ी बहन को बुलाकर लाई और बैठने के लिए वही पाटा दे दिया. बड़ी बहन जब उस पर बैठने लगी जो उसका घाघरा बच्चे को छू गया. बच्चा घाघरा छूते ही रोने लगा. तब बड़ी बहन ने कहा कि तुम मुझे कलंक लगाना चाहती थी. मेरे बैठने से यह मर जाता. तब छोटी बहन बोली कि यह तो पहले से मरा हुआ था. तेरे ही भाग्य से यह जीवित हो गया है. तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है. उसके बाद नगर में उसने पूर्णिमा का पूरा व्रत करने का ढिंढोरा पिटवा दिया. . #शरद_पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व रोगियों के लिए वरदान हैं शरद पूर्णिमा की रात एक अध्ययन के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन औषधियों की स्पंदन क्षमता अधिक होती है। रसाकर्षण के कारण जब अंदर का पदार्थ सांद्र होने लगता है, तब रिक्तिकाओं से विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है। लंकाधिपति रावण शरद पूर्णिमा की रात किरणों को दर्पण के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। इस प्रक्रिया से उसे पुनर्योवन शक्ति प्राप्त होती थी। चांदनी रात में 10 से मध्यरात्रि 12 बजे के बीच कम वस्त्रों में घूमने वाले व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है। सोमचक्र, नक्षत्रीय चक्र और आश्विन के त्रिकोण के कारण शरद ऋतु से ऊर्जा का संग्रह होता है और बसंत में निग्रह होता है। अध्ययन के अनुसार दुग्ध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर खुले आसमान में रखने का विधान किया है। यह परंपरा विज्ञान पर आधारित है। शोध के अनुसार खीर को चांदी के पात्र में बनाना चाहिए। चांदी में प्रतिरोधकता अधिक होती है। इससे विषाणु दूर रहते हैं। हल्दी का उपयोग निषिद्ध है। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 30 मिनट तक शरद पूर्णिमा का स्नान करना चाहिए। रात्रि 10 से 12 बजे तक का समय उपयुक्त रहता है। वर्ष में एक बार शरद पूर्णिमा की रात दमा रोगियों के लिए वरदान बनकर आती है। इस रात्रि में दिव्य औषधि को खीर में मिलाकर उसे चांदनी रात में रखकर प्रात: 4 बजे सेवन किया जाता है। रोगी को रात्रि जागरण करना पड़ता है और औ‍षधि सेवन के पश्चात 2-3 किमी पैदल चलना लाभदायक रहता है।

    Sharad Purnima 2022 Date: शरद पूर्णिमा कब है? जानें इस दिन क्यों खाते हैं चांद की रोशनी में रखी खीर By #वनिता #कासनियां #पंजाब🌺🙏🙏🌺 Sharad Purnima 2022 Date: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. #facebook #twitter जानें, शरद पूर्णिमा की चमत्कारी खीर खाने से क्या होते हैं फायदे Sharad Purnima 2022 Date: हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व ज्यादा खास बताया गया है. #हिंदू #धर्म #ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर #चंद्रमा #पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को पड़ रही है. शरद पूर्णिमा की तिथि अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्...

समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं।बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे। देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं। बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे।  देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए। #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा #देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं , पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳 #अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺 पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹 सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें। नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

लोहड़ी 2021: आज देशभर में मनाई जा रही लोहड़ी, जानिए क्या है इस त्यौहार का महत्व ये त्योहार सुबह से शुरू होकर शाम तक चलता है. लोग पूजा के दौरान आग में मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ चढ़ाते हैं. आग में ये चीजें चढ़ाते समय 'आधार आए दिलाथेर जाए' बोला जाता है. इसका मतलब होता है कि घर में सम्मान आए और गरीबी जाए. किसान सूर्य देवता को भी नमन कर धन्यवाद देते हैं. ये भी माना जाता है कि किसान खेतों में आग जलाकर अग्नि देव से खेतों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रार्थना करते हैं.इसके बाद मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं. लोहड़ी के दिन पकवान के तौर पर मीठे गुड के तिल के चावल, सरसों का साग, मक्के की रोटी बनाई जाती है. लोग इस दिन गुड़-गज्जक खाना शुभ मानते हैं. पूजा के बाद लोग भांगड़ा और गिद्दा करते हैं.लोहड़ी का महत्वलोहड़ी का भारत में बहुत महत्व है. लोहड़ी एक ऐसे पर्व के रूप में मनाई जाती है जो सर्दियों के जाने और बसंत के आने का संकेत है. लोहड़ी यूं तो आग लगाकर सेलिब्रेट की जाती है लेकिन लकड़ियों के अलावा उपलों से भी आग लगाना शुभ माना जाता है.लोहड़ी के पावन मौके पर लोग रबी की फसल यानि गेहूं, जौ, चना, मसूर और सरसों की फसलों को आग को समर्पित करते हैं. इस तरीके से देवताओं को चढ़ावा और धन्यवाद दिया जाता है. ये वही समय होता है जब रबी की फसलें कटघर घर आने लगती हैं. आमतौर लोहड़ी का त्योहार सूर्य देव और अग्नि को आभार प्रकट करने, फसल की उन्नति की कामना करने के लिए मनाया जाता है.लोहड़ी का महत्व एक और वजह से हैं क्योंकि इस दिन सूर्य मकर राशि से गुजर कर उत्तर की ओर रूख करता है. ज्योतिष के मुताबिक, लोहड़ी के बाद से सूर्य उत्तारायण बनाता है जिसे जीवन और सेहत से जोड़कर देखा जाता है.आखिर क्यों मनाते हैं लोहड़ीआपने लोहड़ी तो खूब मनाई होगी लेकिन क्या असल में आप जानते हैं क्यों मनाई जाती है लोहड़ी. बहुत से लोग लोहड़ी को साल का सबसे छोटा दिन और रात सबसे लंबी के तौर पर मनाते हैं. पारंपरिक मान्यता के अनुसार, लोहड़ी फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाई जाती है. लोहड़ी को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इस दिन लोहड़ी का जन्म होलिका की बहन के रूप में हुआ था. बेशक होलिका का दहन हो गया था. किसान लोहड़ी के दिन को नए साल की आर्थिक शुरुआत के रूप में भी मनाते हैं.,