जीवन में हर दिन परिपक्व होना है।अपनी अपरिपक्वता को भी जियो।।प्रतिक्षण गंभीरता को गले लगाना है।अपने अल्हरपन को भी जियो।किसी चीज की उन्मादकता ठीक नही मगर उस उन्मादक्ता के आनंद में भी जियो।।एक दिन सम्पूर्ण होना है ।अपनी अपूर्णता में भी जियो।।जीवन में हर दिन परिपक्व होना है ।अपनी अपरिपक्वता को भी जियो।। वनिता कासनियां पंजाब
जीवन में हर दिन परिपक्व होना है।
अपनी अपरिपक्वता को भी जियो।।
प्रतिक्षण गंभीरता को गले लगाना है।
अपने अल्हरपन को भी जियो।
किसी चीज की उन्मादकता ठीक नही मगर उस उन्मादक्ता के आनंद में भी जियो।।
एक दिन सम्पूर्ण होना है ।
अपनी अपूर्णता में भी जियो।।
जीवन में हर दिन परिपक्व होना है ।
अपनी अपरिपक्वता को भी जियो।।
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