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देश में मौसम के मिजाज बदल गए हैं. सोमवार को गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर भारी बारिश से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया. गुजरात में तो बारिश और बाढ़ की वजह से बीते 24 घंटे में 63 लोगों की जान चली गई. बारिश से प्रभावित 10 हजार से ज्यादा लोगों को सरकार ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है. बलुवाना न्यूज़ 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसी तरह, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी बारिश ने मुसीबत बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तराखंड और केरल में भी बारिश का अलर्ट जारी किया है.गुजरात में अंबिका नदी के तट पर अचानक बाढ़ के कारण सरकारी कर्मचारी फंस गए. बाद में वलसाड के कलेक्टर ने भारतीय तटरक्षक को सूचना दी और मदद मांगी. ICG के एक अधिकारी ने बताया कि चेतक हेलीकॉप्टर के जरिए अभियान चलाया. तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते थोड़ा परेशानी आई, मगर 16 लोगों को बचा लिया गया है. वहीं, वालसाड जिले के कलेक्टर ने भारी बारिश को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज कल 12 जुलाई को बंद रखने के आदेश दिए हैं.गुजरात सरकार के मुताबिक, राज्य में सोमवार शाम 6 बजे तक बारिश की वजह से 10700 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. बारिश का दौर थमा नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में बाढ़ को लेकर ट्वीट किया और कहा- गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई बाढ़ जैसी परिस्थितियों के संदर्भ में मैंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जी से बात की और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. गुजरात प्रशासन, SDRF और NDRF प्रभावित लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने में लगे हैं. ​बताते चलें कि गुजरात में नर्मदा नदी में बाढ़ आ गई है. यहां डेडीयापाडा और सागबारा में 8 घंटे में 17 इंच बारिश हुई है, जिसके चलते करजन डैम के 9 गेट खोल दिए गए हैं. इन 9 गेट से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में भरूच और नर्मदा जिले के लो लाइन एरिया में अलर्ट जारी किया है. भरूच के 12 और नर्मदा के 8 गांव को अलर्ट मोड पर रखा गया है. यहां बाढ़ से हालात बिगड़ने की आशंका है.दरअसल, करजन नदी का पानी सीधा नर्मदा नदी में मिलता है, जिसके चलते भरूच के पास नर्मदा के लेवल में बढ़ोतरी होगी. आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि राज्य के फिलहाल 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी है. भारी बारिश हो रही है. प्रशासन अलर्ट पर है और कुशलता से काम कर रहा है. बिजली गिरने से 63 लोगों की मौत हो गई है. सीएम हर घंटे हालात का जायजा कर रहे हैं.गुजरात में आज सुबह 6 से शाम 4 बजे तक बारिश के आंकडे़...नर्मदा- डेडीयापाडा में 442 मिमीसूरत -उमरपाड़ा में 345 मिमीवालसाड़ - कपराड़ा में 216 मिमीडांग- 142 मिमीजबकि अहमदाबाद में आज सुबह पांच बजे से बारिश रुकी हुई है. लेकिन देर रात बारिश ने परेशानियां बढ़ा दीं. यहां शाम 6 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक करीब 456 मिमी बारिश दर्ज की गई है. जबकि छोटा उदयपुर के बोडेली में 6 घंटे में 411 मिमी बारिश दर्ज की गई है.वहीं, गुजरात में बारिश कहर बरपा रही है. यहां बारिश की शुरुआत से लेकर कल तक 61 लोगों की मौत हुई है. वहीं, NDRF की 13 टीम को गुजरात में तैनात किया गया है. इनमें नवसारी में दो, गिर सोमनाथ, सूरत, राजकोट, बनासकांठा,वलसाड, भावनगर, कच्छ, जामनगर, अमरेली, द्वारिका और जूनागढ़ में एक-एक लगाई गई है.इसके अलावा, राज्य में एसडीआरएफ की 18 टीम को तैनात किया गया है. गुजरात में बारिश की वजह से स्टेट हाइवे और गांव की सड़कों को मिलाकर 300 से ज्यादा सड़क बंद हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के बात की और पिछले 48 घंटे में हुई भारी बारिश के बारे में जानकारी ली. साथ ही केंद्र सरकार के जरिए जरूरी सभी मदद करने भरोसा दिलाया.गुजरात में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण गुजरात के सूरत, वलसाड, नवसारी, तापी, डांग जिले में भारी बारिश होने का अनुमान है. इसी तरह, मध्य गुजरात में नर्मदा, पंचमहाल, भरुच, वडोदरा, खेडा, आणंद, सौराष्ट्र में भावनगर, अमरेली, मोरबी के अलावा कच्छ में भारी बारिश हो सकती है.गुजरात में बांध के हालात...गुजरात में 207 छोटे-बडे़ बांध हैं, जिसमें 13 बांध हाईअलर्ट पर हैं. 8 बांध अलर्ट पर हैं. 7 बांध खतरे के निशान के करीब हैं. जबकि सरदार सरोवर बांध अपनी क्षमता के 45.37% भर चुका है. इसके अलावा, 11 बांध 100 फीसदी भर चुके हैं. 18 बांध 70 से 100 फीसदी भर चुके हैं. वहीं 25 बांध 50 से 70 फीसदी भर चुके हैं. इनमें उत्तर गुजरात के 15, मध्य गुजरात के 17, दक्षिण गुजरात के 13, कच्छ के 20 और सौराष्ट्र के 141 बांध भर चुके हैं.गुजरात में बारिश के चलते छोटाउदेपुर जिले में आज स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और आंगनबाड़ी बंद रखे गए थे.मध्य प्रदेश में 33 जिलों में भारी बारिश का अलर्टमध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने 33 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. राज्य में 24 घंटे में बिजली गिरने से 7 की मौत हुई है. IMD ने कहा कि मंगलवार सुबह भारी बारिश होने की संभावना है. इन 33 जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम शामिल हैं. राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में एक जून से अब तक बिजली गिरने से 60 लोगों की मौत हुई है. ​पिछले 24 घंटे में जहां सात मौतें हुईं हैं, उनमें मंडला में दो, अशोक नगर, दतिया, गुना, नरसिंहपुर और नर्मदापुरमन में एक-एक की जान गई है. राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे में 103.2 मिमी बारिश हुई. जबकि रायसेन, बैतूल, नर्मदापुरम, जबलपुर, छिंदवाड़ा, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में क्रमशः 86.4 मिमी, 72.6 मिमी, 70.4 मिमी, 55.0 मिमी, 55.0 मिमी, 46.4 मिमी, 21.9 मिमी और 17.2 मिमी वर्षा हुई.भोपाल जिले में अब तक 365.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्जभोपाल जिले में सोमवार सुबह 8:30 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 365.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई. रातभर में ही 91.5 मिमी बारिश हो चुकी है. ​MP में आज शाम 8:30 बजे बारिश.. (मिमी में)रायसेन सिटी - 98.0, भोपाल सिटी - 78.2, सिवनी सिटी - 70.0, गुना सिटी - 43.0, नर्मदापुरम सिटी - 42.0, विदिशा - कुरवाई - 38.0, शिवपुरी - करैरा - 36.5, खंडवा सिटी - 35.0, छिंदवाड़ा - पेंच - 34.0, गुना - आरोन KVK - 33.5, शिवपुरी - पिपरसमा KVK - 23.5, भोपाल - बैरागढ़ - 21.8, शिवपुरी - नरवर - 19.0, बालाघाट - पाला KVK - 19.0, ग्वालियर सिटी - 16.0, खरगोन सिटी - 16.0, मंडला सिटी - 11.0, सागर - लह्दारा KVK - 10.5, खण्डवा - KVK - 10.5, बालाघाट - मलाजखंड - 8.0, खंडवा - न्यू हरसूद - 6.0, रायसेन - बेगमगंज - 4.0, राजगढ़ सिटी - KVK - 3.0, दमोह सिटी/ मड़ियाहार KVK - 3.0, सतना - जीतनगर- मैहर - 2.5, बैतूल सिटी - 2.0, अशोकनगर - आंवरी KVK - 1.5, उज्जैन सिटी - 1.0, बड़वानी - तालुन KVK - 1.0, सागर सिटी - 0.8, इंदौर - एयरपोर्ट - 0.8, जबलपुर सिटी - 0.5, सीधी - रामपुर नैकिन - 0.5, छिंदवाड़ा सिटी - 0.4.महाराष्ट्र: नासिक में 12वीं के स्कूल बंद रहेंगेमहाराष्ट्र में बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हैं. यहां नासिक में लगातार बारिश की वजह से 14 जुलाई तक रेड अलर्ट जारी किया गया है. कल यानी 12 जुलाई को कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. स्थानीय प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. मौसम विभाग ने नासिक में अगले 3 दिनों के लिए बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. नासिक में सोमवार को चौथे दिन भी भारी बारिश रही. पिछले 12 घंटे में त्र्यंबकेश्वर में 182 मिमी बारिश हुई, जबकि इगतपुरी में 137 मिमी बारिश हुई. गोदावरी नदी पर रामकुंड घाट के आसपास के मंदिरों में बाढ़ का पानी भर गया है. यहां जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. गोदावरी तट पर रहने वालों को अलर्ट जारी कर दिया गया है.यहां गोदावरी नदी उफान पर है. रामघाट पर सभी मंदिर पानी में डूबे हैं. जिले में 7 डैम से पानी निकाला जा रहा है. डैम में पानी की मात्रा 18% से 51% तक पहुंच गई. इसके अलावा, सप्तशृंगी माता के पहाड पर स्थित मंदिर परिसर में अचानक बाढ़ आने से 7 लोग जख्मी हो गए. जिला प्रशासन ने मदद के लिये SDRF की टीम बुलाई है. अब तक 3 रास्ते और 7 पुल डूबे हैं.गंगापुर बांध से 7000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जबकि इगतपुरी में डरना बांध से 10500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने गढ़चिरौली के हालात की जानकारी ली. वहां भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं.यवतमाल में चार दिन से बारिश जारीयवतमाल में भारी बारिश हो रही है. यहां पिछले 4 दिन में 1000 मिमी से अधिक बारिश हुई है. कपास और सोयाबीन की सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है. बाभुलगांव, कलांब, वाणी, मारेगांव गांवों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. भारी बारिश के कारण छोटी सड़कें और पुल भी पानी में डूब गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी पर प्रभावित हो गई है.नंदुरबार में स्कूली बच्चों को बचाया गयामहाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के अक्कलकुवा में भारी बारिश से स्कूल जलमग्न हो गए हैं. वडफली आश्रम स्कूल के छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है. ये गांव सतपुड़ा की सुदूर पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है. नंदुरबार में रविवार से हो रही लगातार बारिश से देव नदी में बाढ़ आ गई है और आश्रम के स्कूल में बाढ़ का पानी आ गया था. स्कूल के छात्रों को रस्सी की मदद से बचाया गया और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. कुछ छात्रों को आश्रम स्कूल की तीसरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया.ओडिशा: बाढ़ में फंसे स्कूली बच्चों ने रस्सी के सहारे पार की नदीओडिशा के गंजाम जिले में स्कूली बच्चों ने जिंदगी को दांव पर लगाकर नदी पार की है. ये बच्चे बाढ़ आने से फंसे थे. ग्रामीणों की मदद से बच्चों ने रस्सी के सहारे नदी पार की. मामला पात्रापुर प्रखंड का है. यहां गांव में पुल नहीं होने के कारण लोगों को नदी पार कर निकलना होता है. शिक्षा मंत्री ने स्थानीय विधायक और विभाग के अधिकारियों को समस्या हल करने का आदेश दिया है. ​बारिश के मौसम में हमेशा पंचायत के करीब 15 गांवों के स्थानीय लोगों को नदी के बीचों-बीच पार कर निकलना पड़ता है. शुक्रवार को स्कूली बच्चों ने देखा कि भारी बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ गई है. जिसके बाद बच्चों ने घबराकर पास के ग्रामीणों से सहायता करने की मांग की. ऐसे में लोगों ने एक छोर से दूसरे छोर पर रस्सी बांध कर बच्चों को नदी पार करवाई. हालांकि ऐसे में जान का खतरा बना रहता है. ​तेलंगाना भी जमकर बारिशIMD ने तेलंगाना के उत्तरी जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. तेलंगाना के निर्मल, मुलुगु, एतुरनगरम जिलों के कई निचले इलाकों में बारिश का पानी भर गया है. एहतियात के तौर पर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शिविरों और पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया है.तेलंगाना में सीएम ने हाई अलर्ट पर रहने को कहातेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण अफसरों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. यहां गोदावरी नदी उफान पर है. SRSP और अन्य जलाशयों में पानी छोड़ने का निर्देश दिया है. IMD ने अगले दो से तीन दिनों में तेलंगाना के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. सीएम केसीआर ने मंत्रियों, विधायकों, कलेक्टरों, सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने अन्य कार्यक्रम रद्द करने और खुद लोगों के बीच पहुंचने के निर्देश दिए हैं. इन सभी को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है.कर्नाटक: सीएम ने प्रभावित इलाके का दौरा करेंगेकर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. सीएम हालात की समीक्षा के बाद जरूर कार्रवाई के निर्देश देंगे. बोम्मई ने कहा कि वह कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी जिलों का दौरा करेंगे. ये इलाके भारी बारिश से ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

देश में मौसम के मिजाज बदल गए हैं. सोमवार को गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर भारी बारिश से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया. गुजरात में तो बारिश और बाढ़ की वजह से बीते 24 घंटे में 63 लोगों की जान चली गई. बारिश से प्रभावित 10 हजार से ज्यादा लोगों को सरकार ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है.

बलुवाना न्यूज़

8 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसी तरह, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी बारिश ने मुसीबत बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तराखंड और केरल में भी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

गुजरात में अंबिका नदी के तट पर अचानक बाढ़ के कारण सरकारी कर्मचारी फंस गए. बाद में वलसाड के कलेक्टर ने भारतीय तटरक्षक को सूचना दी और मदद मांगी. ICG के एक अधिकारी ने बताया कि चेतक हेलीकॉप्टर के जरिए अभियान चलाया. तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते थोड़ा परेशानी आई, मगर 16 लोगों को बचा लिया गया है. वहीं, वालसाड जिले के कलेक्टर ने भारी बारिश को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज कल 12 जुलाई को बंद रखने के आदेश दिए हैं.

गुजरात सरकार के मुताबिक, राज्य में सोमवार शाम 6 बजे तक बारिश की वजह से 10700 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. बारिश का दौर थमा नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में बाढ़ को लेकर ट्वीट किया और कहा- गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई बाढ़ जैसी परिस्थितियों के संदर्भ में मैंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जी से बात की और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. गुजरात प्रशासन, SDRF और NDRF प्रभावित लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने में लगे हैं.

बताते चलें कि गुजरात में नर्मदा नदी में बाढ़ आ गई है. यहां डेडीयापाडा और सागबारा में 8 घंटे में 17 इंच बारिश हुई है, जिसके चलते करजन डैम के 9 गेट खोल दिए गए हैं. इन 9 गेट से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में भरूच और नर्मदा जिले के लो लाइन एरिया में अलर्ट जारी किया है. भरूच के 12 और नर्मदा के 8 गांव को अलर्ट मोड पर रखा गया है. यहां बाढ़ से हालात बिगड़ने की आशंका है.

दरअसल, करजन नदी का पानी सीधा नर्मदा नदी में मिलता है, जिसके चलते भरूच के पास नर्मदा के लेवल में बढ़ोतरी होगी. आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि राज्य के फिलहाल 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी है. भारी बारिश हो रही है. प्रशासन अलर्ट पर है और कुशलता से काम कर रहा है. बिजली गिरने से 63 लोगों की मौत हो गई है. सीएम हर घंटे हालात का जायजा कर रहे हैं.

गुजरात में आज सुबह 6 से शाम 4 बजे तक बारिश के आंकडे़...

नर्मदा- डेडीयापाडा में 442 मिमी
सूरत -उमरपाड़ा में 345 मिमी
वालसाड़ - कपराड़ा में 216 मिमी
डांग- 142 मिमी

जबकि अहमदाबाद में आज सुबह पांच बजे से बारिश रुकी हुई है. लेकिन देर रात बारिश ने परेशानियां बढ़ा दीं. यहां शाम 6 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक करीब 456 मिमी बारिश दर्ज की गई है. जबकि छोटा उदयपुर के बोडेली में 6 घंटे में 411 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

वहीं, गुजरात में बारिश कहर बरपा रही है. यहां बारिश की शुरुआत से लेकर कल तक 61 लोगों की मौत हुई है. वहीं, NDRF की 13 टीम को गुजरात में तैनात किया गया है. इनमें नवसारी में दो, गिर सोमनाथ, सूरत, राजकोट, बनासकांठा,
वलसाड, भावनगर, कच्छ, जामनगर, अमरेली, द्वारिका और जूनागढ़ में एक-एक लगाई गई है.

इसके अलावा, राज्य में एसडीआरएफ की 18 टीम को तैनात किया गया है. गुजरात में बारिश की वजह से स्टेट हाइवे और गांव की सड़कों को मिलाकर 300 से ज्यादा सड़क बंद हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के बात की और पिछले 48 घंटे में हुई भारी बारिश के बारे में जानकारी ली. साथ ही केंद्र सरकार के जरिए जरूरी सभी मदद करने भरोसा दिलाया.

गुजरात में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण गुजरात के सूरत, वलसाड, नवसारी, तापी, डांग जिले में भारी बारिश होने का अनुमान है. इसी तरह, मध्य गुजरात में नर्मदा, पंचमहाल, भरुच, वडोदरा, खेडा, आणंद, सौराष्ट्र में भावनगर, अमरेली, मोरबी के अलावा कच्छ में भारी बारिश हो सकती है.

गुजरात में बांध के हालात...
गुजरात में 207 छोटे-बडे़ बांध हैं, जिसमें 13 बांध हाईअलर्ट पर हैं. 8 बांध अलर्ट पर हैं. 7 बांध खतरे के निशान के करीब हैं. जबकि सरदार सरोवर बांध अपनी क्षमता के 45.37% भर चुका है. इसके अलावा, 11 बांध 100 फीसदी भर चुके हैं. 18 बांध 70 से 100 फीसदी भर चुके हैं. वहीं 25 बांध 50 से 70 फीसदी भर चुके हैं. इनमें उत्तर गुजरात के 15, मध्य गुजरात के 17, दक्षिण गुजरात के 13, कच्छ के 20 और सौराष्ट्र के 141 बांध भर चुके हैं.

गुजरात में बारिश के चलते छोटाउदेपुर जिले में आज स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और आंगनबाड़ी बंद रखे गए थे.

मध्य प्रदेश में 33 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

मध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने 33 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. राज्य में 24 घंटे में बिजली गिरने से 7 की मौत हुई है. IMD ने कहा कि मंगलवार सुबह भारी बारिश होने की संभावना है. इन 33 जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम शामिल हैं. राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में एक जून से अब तक बिजली गिरने से 60 लोगों की मौत हुई है.

पिछले 24 घंटे में जहां सात मौतें हुईं हैं, उनमें मंडला में दो, अशोक नगर, दतिया, गुना, नरसिंहपुर और नर्मदापुरमन में एक-एक की जान गई है. राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे में 103.2 मिमी बारिश हुई. जबकि रायसेन, बैतूल, नर्मदापुरम, जबलपुर, छिंदवाड़ा, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में क्रमशः 86.4 मिमी, 72.6 मिमी, 70.4 मिमी, 55.0 मिमी, 55.0 मिमी, 46.4 मिमी, 21.9 मिमी और 17.2 मिमी वर्षा हुई.

भोपाल जिले में अब तक 365.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

भोपाल जिले में सोमवार सुबह 8:30 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 365.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई. रातभर में ही 91.5 मिमी बारिश हो चुकी है.

MP में आज शाम 8:30 बजे बारिश.. (मिमी में)

रायसेन सिटी - 98.0, भोपाल सिटी - 78.2, सिवनी सिटी - 70.0, गुना सिटी - 43.0, नर्मदापुरम सिटी - 42.0, विदिशा - कुरवाई - 38.0, शिवपुरी - करैरा - 36.5, खंडवा सिटी - 35.0, छिंदवाड़ा - पेंच - 34.0, गुना - आरोन KVK - 33.5, शिवपुरी - पिपरसमा KVK - 23.5, भोपाल - बैरागढ़ - 21.8, शिवपुरी - नरवर - 19.0, बालाघाट - पाला KVK - 19.0, ग्वालियर सिटी - 16.0, खरगोन सिटी - 16.0, मंडला सिटी - 11.0, सागर - लह्दारा KVK - 10.5, खण्डवा - KVK - 10.5, बालाघाट - मलाजखंड - 8.0, खंडवा - न्यू हरसूद - 6.0, रायसेन - बेगमगंज - 4.0, राजगढ़ सिटी - KVK - 3.0, दमोह सिटी/ मड़ियाहार KVK - 3.0, सतना - जीतनगर- मैहर - 2.5, बैतूल सिटी - 2.0, अशोकनगर - आंवरी KVK - 1.5, उज्जैन सिटी - 1.0, बड़वानी - तालुन KVK - 1.0, सागर सिटी - 0.8, इंदौर - एयरपोर्ट - 0.8, जबलपुर सिटी - 0.5, सीधी - रामपुर नैकिन - 0.5, छिंदवाड़ा सिटी - 0.4.

महाराष्ट्र: नासिक में 12वीं के स्कूल बंद रहेंगे

महाराष्ट्र में बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हैं. यहां नासिक में लगातार बारिश की वजह से 14 जुलाई तक रेड अलर्ट जारी किया गया है. कल यानी 12 जुलाई को कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. स्थानीय प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. मौसम विभाग ने नासिक में अगले 3 दिनों के लिए बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. नासिक में सोमवार को चौथे दिन भी भारी बारिश रही. पिछले 12 घंटे में त्र्यंबकेश्वर में 182 मिमी बारिश हुई, जबकि इगतपुरी में 137 मिमी बारिश हुई. गोदावरी नदी पर रामकुंड घाट के आसपास के मंदिरों में बाढ़ का पानी भर गया है. यहां जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. गोदावरी तट पर रहने वालों को अलर्ट जारी कर दिया गया है.

यहां गोदावरी नदी उफान पर है. रामघाट पर सभी मंदिर पानी में डूबे हैं. जिले में 7 डैम से पानी निकाला जा रहा है. डैम में पानी की मात्रा 18% से 51% तक पहुंच गई. इसके अलावा, सप्तशृंगी माता के पहाड पर स्थित मंदिर परिसर में अचानक बाढ़ आने से 7 लोग जख्मी हो गए. जिला प्रशासन ने मदद के लिये SDRF की टीम बुलाई है. अब तक 3 रास्ते और 7 पुल डूबे हैं.

गंगापुर बांध से 7000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जबकि इगतपुरी में डरना बांध से 10500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने गढ़चिरौली के हालात की जानकारी ली. वहां भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं.

यवतमाल में चार दिन से बारिश जारी
यवतमाल में भारी बारिश हो रही है. यहां पिछले 4 दिन में 1000 मिमी से अधिक बारिश हुई है. कपास और सोयाबीन की सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है. बाभुलगांव, कलांब, वाणी, मारेगांव गांवों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. भारी बारिश के कारण छोटी सड़कें और पुल भी पानी में डूब गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी पर प्रभावित हो गई है.

नंदुरबार में स्कूली बच्चों को बचाया गया

महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के अक्कलकुवा में भारी बारिश से स्कूल जलमग्न हो गए हैं. वडफली आश्रम स्कूल के छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है. ये गांव सतपुड़ा की सुदूर पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है. नंदुरबार में रविवार से हो रही लगातार बारिश से देव नदी में बाढ़ आ गई है और आश्रम के स्कूल में बाढ़ का पानी आ गया था. स्कूल के छात्रों को रस्सी की मदद से बचाया गया और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. कुछ छात्रों को आश्रम स्कूल की तीसरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया.

ओडिशा: बाढ़ में फंसे स्कूली बच्चों ने रस्सी के सहारे पार की नदी

ओडिशा के गंजाम जिले में स्कूली बच्चों ने जिंदगी को दांव पर लगाकर नदी पार की है. ये बच्चे बाढ़ आने से फंसे थे. ग्रामीणों की मदद से बच्चों ने रस्सी के सहारे नदी पार की. मामला पात्रापुर प्रखंड का है. यहां गांव में पुल नहीं होने के कारण लोगों को नदी पार कर निकलना होता है. शिक्षा मंत्री ने स्थानीय विधायक और विभाग के अधिकारियों को समस्या हल करने का आदेश दिया है.

बारिश के मौसम में हमेशा पंचायत के करीब 15 गांवों के स्थानीय लोगों को नदी के बीचों-बीच पार कर निकलना पड़ता है. शुक्रवार को स्कूली बच्चों ने देखा कि भारी बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ गई है. जिसके बाद बच्चों ने घबराकर पास के ग्रामीणों से सहायता करने की मांग की. ऐसे में लोगों ने एक छोर से दूसरे छोर पर रस्सी बांध कर बच्चों को नदी पार करवाई. हालांकि ऐसे में जान का खतरा बना रहता है.

तेलंगाना भी जमकर बारिश

IMD ने तेलंगाना के उत्तरी जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. तेलंगाना के निर्मल, मुलुगु, एतुरनगरम जिलों के कई निचले इलाकों में बारिश का पानी भर गया है. एहतियात के तौर पर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शिविरों और पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया है.

तेलंगाना में सीएम ने हाई अलर्ट पर रहने को कहा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण अफसरों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. यहां गोदावरी नदी उफान पर है. SRSP और अन्य जलाशयों में पानी छोड़ने का निर्देश दिया है. IMD ने अगले दो से तीन दिनों में तेलंगाना के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. सीएम केसीआर ने मंत्रियों, विधायकों, कलेक्टरों, सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने अन्य कार्यक्रम रद्द करने और खुद लोगों के बीच पहुंचने के निर्देश दिए हैं. इन सभी को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है.

कर्नाटक: सीएम ने प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. सीएम हालात की समीक्षा के बाद जरूर कार्रवाई के निर्देश देंगे. बोम्मई ने कहा कि वह कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी जिलों का दौरा करेंगे. ये इलाके भारी बारिश से ज्यादा प्रभावित हुए हैं.


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Sharad Purnima 2022 Date: शरद पूर्णिमा कब है? जानें इस दिन क्यों खाते हैं चांद की रोशनी में रखी खीर By #वनिता #कासनियां #पंजाब🌺🙏🙏🌺 Sharad Purnima 2022 Date: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. #facebook #twitter जानें, शरद पूर्णिमा की चमत्कारी खीर खाने से क्या होते हैं फायदे Sharad Purnima 2022 Date: हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व ज्यादा खास बताया गया है. #हिंदू #धर्म #ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर #चंद्रमा #पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को पड़ रही है. शरद पूर्णिमा की तिथि अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा तिथि रविवार, 09 अक्टूबर 2022 को सुबह 03 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी. पूर्णिमा तिथि अगले दिन सोमवार, 10 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी. #शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी अपनी सवारी उल्लू पर सवार होकर धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों की समस्याओं को दूर करने के लिए वरदान देती हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए धन प्राप्ति के लिए भी ये तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है. #Vnita शरद पूर्णिमा पर खीर का सेवन मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणों में रखी खीर का सेवन करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. इस खीर को चर्म रोग से परेशान लोगों के लिए भी अच्छा बताया जाता है. ये खीर आंखों से जुड़ी बीमारियों से परेशान लोगों को भी बहुत लाभ पहुंचाती है. इसके अलावा भी इसे कई मायनों में खास माना जाता है. अपार #धन पाने के लिए उपाय रात के समय मां लक्ष्मी के सामने #घी का #दीपक जलाएं. उन्हें #गुलाब के #फूलों की माला अर्पित करें. उन्हें सफेद मिठाई और सुगंध भी अर्पित करें. "ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः" का जाप करें. मां लक्ष्मी जीवन की तमाम समस्याओं का समाधान कर सकती हैं. बस उनते सच्चे मन से अपनी बात पहुंचानी होगी और जब धरती पर साक्षात आएं तो इससे पावन घड़ी और क्या हो सकती है. #शरद_पूर्णिमा #राजस्थान #हरियाणा #संगरिया वर्ष के बारह महीनों में ये पूर्णिमा ऐसी है, जो तन, मन और धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। इस पूर्णिमा को चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, तो धन की देवी महालक्ष्मी रात को ये देखने के लिए निकलती हैं कि कौन जाग रहा है और वह अपने कर्मनिष्ठ भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करती हैं। शरद_ पूर्णिमा का एक नाम *कोजागरी पूर्णिमा* भी है यानी लक्ष्मी जी पूछती हैं- कौन जाग रहा है? अश्विनी महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम अश्विनी पड़ा है। एक महीने में चंद्रमा जिन 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, उनमें ये सबसे पहला है और #आश्विन_नक्षत्र की पूर्णिमा आरोग्य देती है। केवल शरद_पूर्णिमा को ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होता है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी। चंद्रमा की किरणों से इस पूर्णिमा को अमृत बरसता है। #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम वर्ष भर इस #पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं। जीवनदायिनी रोगनाशक जड़ी-बूटियों को वह शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा बनायी जाती है तो वह रोगी के ऊपर तुंरत असर करती है। चंद्रमा को वेदं-पुराणों में मन के समान माना गया है- चंद्रमा_मनसो_जात:।वायु पुराण में चंद्रमा को जल का कारक बताया गया है। प्राचीन ग्रंथों में चंद्रमा को औषधीश यानी औषधियों का स्वामी कहा गया है। ब्रह्मपुराण के अनुसार- सोम या चंद्रमा से जो सुधामय तेज पृथ्वी पर गिरता है उसी से औषधियों की उत्पत्ति हुई और जब औषधी 16 कला संपूर्ण हो तो अनुमान लगाइए उस दिन औषधियों को कितना बल मिलेगा। #शरद_पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी #खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है। लेकिन इस #खीर को एक विशेष विधि से बनाया जाता है। पूरी रात चांद की चांदनी में रखने के बाद सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है। #शरद_पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्वयं सोलह कला संपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ी है यह पूर्णिमा। इस रात को अपनी राधा रानी और अन्य सखियों के साथ श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं। कहते हैं जब वृन्दावन में भगवान कृष्ण महारास रचा रहे थे तो चंद्रमा आसमान से सब देख रहा था और वह इतना भाव-विभोर हुआ कि उसने अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर #अमृत_की_वर्षा आरंभ कर दी। गुजरात में #शरद_पूर्णिमा को लोग रास रचाते हैं और गरबा खेलते हैं। मणिपुर में भी श्रीकृष्ण भक्त रास रचाते हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूर्णिमा को जो महालक्ष्मी का पूजन करते हैं और रात भर जागते हैं, उनकी सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। ओडिशा में #शरद_पूर्णिमा को #कुमार_पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। आदिदेव महादेव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म इसी पूर्णिमा को हुआ था। गौर वर्ण, आकर्षक, सुंदर कार्तिकेय की पूजा कुंवारी लड़कियां उनके जैसा पति पाने के लिए करती हैं। #शरद_पूर्णिमा ऐसे महीने में आती है, जब वर्षा ऋतु अंतिम समय पर होती है। शरद ऋतु अपने बाल्यकाल में होती है और हेमंत ऋतु आरंभ हो चुकी होती है और इसी पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है। #घटता_बढ़ता_चांद यहाँ हर कोई #उस चांद सा है.. जो कभी बढ़ रहा है तो कभी घट रहा है.. वो कभी #पूर्णिमा की रात सा रोशनी बिखेर रहा है.. तो कभी #अमावस की रात में एक अंधेरे सा हो रहा है.. यहाँ हर किसी की यही फितरत है.. हम खुद भी इसका अपवाद नही है.. हम सब ऐसे ही बने हैं ऐसे ही बनाये गए हैं.. यकीं न हो तो पल भर को सोचिए की आखिर क्यूँ हर सुबह जब हम सोकर उठते हैं.. तो हम पिछली सुबह से अलग होते हैं.. #कभी_कमजोर.. तो कभी_ताकतवर महसूस करते हैं.. मसला बस इतना सा है, की #हम_हर_दिन दूसरों को बस पूर्णिमा का चांद सा देखना चाहते हैं.. इस सच से बेखबर की घटना/बढ़ना हम सभी की फितरत है.. इसमें कुछ भी नया नही है.. हम खुद भी अक्सर पूर्णिमा के चाँद से अमावस का चांद होने की राह पर होते हैं.. हम खुद भी कमजोर हो रहे होते हैं.. बस हम इसे देख नही पाते.. अपनी नासमझी में हम शायद कुदरत के इस सबसे बड़े कायदे को ही भूल बैठे हैं.. अगर इस तरह घटना बढ़ना ही हमारी फितरत है.. तो आखिर सुकून क्या है.. #अपने_अहंकार, #अपनी_ज़िद्द से कहीँ दूर किसी कोने में बैठकर.. खुद में और दूसरों में घटते बढ़ते इस चांद को देखना.. उसे महसूस करना.. इस कुदरत को समझना. उसके कायदों को समझना..#फिर_हल्के_से_मुस्कुराना.. बस यही सुकून है..🙏🙏 (ये पोस्ट वनिता कासनियां पंजाब किसी ने भेजा था l) ॐ। 9 अक्तूबर २०२२ रविवार #शरद #पूर्णिमा है , #अश्विन मास की शरद पूर्णिमा बेहद खास होती है क्योंकि साल में एक बार आने वाली ये पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है. इसे कुछ लोग #रास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. क्योंकि #श्रीकृष्ण ने महारास किया था। कहा जाता है कि इस रात में #खीर को खुले आसमान में चंद्रमा के प्रकाश में रखा जाता है और उसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है. बता दें इस बार शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर गुरुवार आज है. सनातन परंपरा के अनुसार कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. मान्यता है की शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत वर्षा करता है. जो स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होती है. इस रात लोग मान्यता के अनुसार खुले में खीर बनाकर रखते हैं और सुबह उसे सब के बीच में बांटा जाता है. यही कारण है कि इस रात लोग अपनी छतों पर या चंद्रमा के आगे खीर बनाकर रखते हैं और प्रसाद के रूप में खीर को बांटा जाता है। बड़ी ही उत्तम तिथि है शरद पूर्णिमा. इसे #कोजागरी व्रत के रूप में भी मनाया जाता है. कहते हैं ये दिन इतना शुभ और सकारात्मक होता है कि छोटे से उपाय से बड़ी-बड़ी विपत्तियां टल जाती हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी दिन मां #लक्ष्मी का जन्म हुआ था. इसलिए धन प्राप्ति के लिए भी ये तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है. इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग-अलग वरदान प्राप्त किए जाते है शरद पूर्णिमा का महत्व - शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है. - इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और #सोलह कलाओं से युक्त होता है. - इस दिन चन्द्रमा से #अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है. - #प्रेम और #कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था. - इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन #सेहत, अपार #प्रेम और खूब सारा #धन पाया जा सकता है - पर #प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है. इस बार शरद पूर्णिमा 05 अक्टूबर को होगी शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जान लेना जरूरी है. शरद पूर्णिमा #व्रत विधि - पूर्णिमा के दिन सुबह में #इष्ट #देव का पूजन करना चाहिए. - #इन्द्र और #महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए. - #गरीब बे #सहारा को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए. - लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. - रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए. - #गरीबों में खीर आदि #दान करने का विधि-विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है. शरद पूर्णिमा की सावधानियां - इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें. - उपवास ना भी रखें तो भी इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए. - इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा. अगर आप शरद पूर्णिमा का पूर्ण शुभ फल पाना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए इन नियमों को ध्यान में जरूर रखिएगा। #शरद_पूर्णिमा के दिन इस #व्रत_कथा को पढ़ने और सुनने से #मां_लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न। #शरद_पूर्णिमा ९ अक्टूबर को है. शरद पूर्णिमा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा को कौमुदी यानी मूनलाइट में खीर को रखा जाता है. क्योंकि चंद्रमा की किरणों से अमृत की बारिश होती है. इस दिन शाम को मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. मान्यता है कि सच्चे मन ने पूजा- अराधना करने वाले भक्तों पर मां लक्ष्मी कृपा बरसाती हैं. #शरद_पूर्णिमा_की_पौराणिक_कथा #शरद_पूर्णिमा की पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत पुराने समय की बात है एक नगर में एक सेठ (साहूकार) को दो बेटियां थीं. दोनो पुत्रियां पूर्णिमा का व्रत रखती थीं. लेकिन बड़ी पुत्री पूरा व्रत करती थी और छोटी पुत्री अधूरा व्रत करती थी. इसका परिणाम यह हुआ कि छोटी पुत्री की संतान पैदा होते ही मर जाती थी. उसने पंडितों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया की तुम पूर्णिमा का अधूरा व्रत करती थी, जिसके कारण तुम्हारी संतान पैदा होते ही मर जाती है. पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक करने से तुम्हारी संतान जीवित रह सकती है. उसने हिंदू धर्म की सलाह पर पूर्णिमा का पूरा व्रत विधिपूर्वक किया. बाद में उसे एक लड़का पैदा हुआ. जो कुछ दिनों बाद ही फिर से मर गया. उसने लड़के को एक पाटे (पीढ़ा) पर लेटा कर ऊपर से कपड़ा ढंक दिया. फिर बड़ी बहन को बुलाकर लाई और बैठने के लिए वही पाटा दे दिया. बड़ी बहन जब उस पर बैठने लगी जो उसका घाघरा बच्चे को छू गया. बच्चा घाघरा छूते ही रोने लगा. तब बड़ी बहन ने कहा कि तुम मुझे कलंक लगाना चाहती थी. मेरे बैठने से यह मर जाता. तब छोटी बहन बोली कि यह तो पहले से मरा हुआ था. तेरे ही भाग्य से यह जीवित हो गया है. तेरे पुण्य से ही यह जीवित हुआ है. उसके बाद नगर में उसने पूर्णिमा का पूरा व्रत करने का ढिंढोरा पिटवा दिया. . #शरद_पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व रोगियों के लिए वरदान हैं शरद पूर्णिमा की रात एक अध्ययन के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन औषधियों की स्पंदन क्षमता अधिक होती है। रसाकर्षण के कारण जब अंदर का पदार्थ सांद्र होने लगता है, तब रिक्तिकाओं से विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है। लंकाधिपति रावण शरद पूर्णिमा की रात किरणों को दर्पण के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। इस प्रक्रिया से उसे पुनर्योवन शक्ति प्राप्त होती थी। चांदनी रात में 10 से मध्यरात्रि 12 बजे के बीच कम वस्त्रों में घूमने वाले व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है। सोमचक्र, नक्षत्रीय चक्र और आश्विन के त्रिकोण के कारण शरद ऋतु से ऊर्जा का संग्रह होता है और बसंत में निग्रह होता है। अध्ययन के अनुसार दुग्ध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर खुले आसमान में रखने का विधान किया है। यह परंपरा विज्ञान पर आधारित है। शोध के अनुसार खीर को चांदी के पात्र में बनाना चाहिए। चांदी में प्रतिरोधकता अधिक होती है। इससे विषाणु दूर रहते हैं। हल्दी का उपयोग निषिद्ध है। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 30 मिनट तक शरद पूर्णिमा का स्नान करना चाहिए। रात्रि 10 से 12 बजे तक का समय उपयुक्त रहता है। वर्ष में एक बार शरद पूर्णिमा की रात दमा रोगियों के लिए वरदान बनकर आती है। इस रात्रि में दिव्य औषधि को खीर में मिलाकर उसे चांदनी रात में रखकर प्रात: 4 बजे सेवन किया जाता है। रोगी को रात्रि जागरण करना पड़ता है और औ‍षधि सेवन के पश्चात 2-3 किमी पैदल चलना लाभदायक रहता है।

    Sharad Purnima 2022 Date: शरद पूर्णिमा कब है? जानें इस दिन क्यों खाते हैं चांद की रोशनी में रखी खीर By #वनिता #कासनियां #पंजाब🌺🙏🙏🌺 Sharad Purnima 2022 Date: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. #facebook #twitter जानें, शरद पूर्णिमा की चमत्कारी खीर खाने से क्या होते हैं फायदे Sharad Purnima 2022 Date: हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व ज्यादा खास बताया गया है. #हिंदू #धर्म #ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर #चंद्रमा #पृथ्वी के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को पड़ रही है. शरद पूर्णिमा की तिथि अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्...

समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं।बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे। देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

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लोहड़ी 2021: आज देशभर में मनाई जा रही लोहड़ी, जानिए क्या है इस त्यौहार का महत्व ये त्योहार सुबह से शुरू होकर शाम तक चलता है. लोग पूजा के दौरान आग में मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ चढ़ाते हैं. आग में ये चीजें चढ़ाते समय 'आधार आए दिलाथेर जाए' बोला जाता है. इसका मतलब होता है कि घर में सम्मान आए और गरीबी जाए. किसान सूर्य देवता को भी नमन कर धन्यवाद देते हैं. ये भी माना जाता है कि किसान खेतों में आग जलाकर अग्नि देव से खेतों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रार्थना करते हैं.इसके बाद मूंगफली रेवड़ी, पॉपकॉर्न और गुड़ प्रसाद के रूप में बांटा जाता हैं. लोहड़ी के दिन पकवान के तौर पर मीठे गुड के तिल के चावल, सरसों का साग, मक्के की रोटी बनाई जाती है. लोग इस दिन गुड़-गज्जक खाना शुभ मानते हैं. पूजा के बाद लोग भांगड़ा और गिद्दा करते हैं.लोहड़ी का महत्वलोहड़ी का भारत में बहुत महत्व है. लोहड़ी एक ऐसे पर्व के रूप में मनाई जाती है जो सर्दियों के जाने और बसंत के आने का संकेत है. लोहड़ी यूं तो आग लगाकर सेलिब्रेट की जाती है लेकिन लकड़ियों के अलावा उपलों से भी आग लगाना शुभ माना जाता है.लोहड़ी के पावन मौके पर लोग रबी की फसल यानि गेहूं, जौ, चना, मसूर और सरसों की फसलों को आग को समर्पित करते हैं. इस तरीके से देवताओं को चढ़ावा और धन्यवाद दिया जाता है. ये वही समय होता है जब रबी की फसलें कटघर घर आने लगती हैं. आमतौर लोहड़ी का त्योहार सूर्य देव और अग्नि को आभार प्रकट करने, फसल की उन्नति की कामना करने के लिए मनाया जाता है.लोहड़ी का महत्व एक और वजह से हैं क्योंकि इस दिन सूर्य मकर राशि से गुजर कर उत्तर की ओर रूख करता है. ज्योतिष के मुताबिक, लोहड़ी के बाद से सूर्य उत्तारायण बनाता है जिसे जीवन और सेहत से जोड़कर देखा जाता है.आखिर क्यों मनाते हैं लोहड़ीआपने लोहड़ी तो खूब मनाई होगी लेकिन क्या असल में आप जानते हैं क्यों मनाई जाती है लोहड़ी. बहुत से लोग लोहड़ी को साल का सबसे छोटा दिन और रात सबसे लंबी के तौर पर मनाते हैं. पारंपरिक मान्यता के अनुसार, लोहड़ी फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाई जाती है. लोहड़ी को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इस दिन लोहड़ी का जन्म होलिका की बहन के रूप में हुआ था. बेशक होलिका का दहन हो गया था. किसान लोहड़ी के दिन को नए साल की आर्थिक शुरुआत के रूप में भी मनाते हैं.,