संवाद सूत्र, खुईखेड़ा (फाजिल्का) : जिले के गांव हीरांवाली में शराब फैक्ट्री के विरोध में पिछले 41 दिनों से 29 गांवों के ग्रामीणों की ओर से अबोहर-फाजिल्का नेशनल हाइवे पर धरना दिया जा रहा था। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब।
संवाद सूत्र, खुईखेड़ा (फाजिल्का) : जिले के गांव हीरांवाली में शराब फैक्ट्री के विरोध में पिछले 41 दिनों से 29 गांवों के ग्रामीणों की ओर से अबोहर-फाजिल्का नेशनल हाइवे पर धरना दिया जा रहा था। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब। रविवार को यह धरना 42वें दिन में प्रवेश हुआ और सुबह आठ महिलाएं व चार पुरूष भी भूखहड़ताल पर बैठे। लेकिन दोपहर बाद फाजिल्का के विधायक दविद्र सिंह घुबाया ने धरने पर पहुंचकर ग्रामीणों से बात की और आश्वासन दिया कि वह यहां शराब फैक्ट्री नहीं लगने देंगे, जिसके बाद उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को प्रसाद खिलाकर उनकी हड़ताल के साथ-साथ धरना भी समाप्त करवा दिया।
संघर्ष कमेटी के सदस्य बलराम केसवानिया, कृष्ण हीरांवाली, मनोज झींझा, गौरव झींझा ने बताया कि पिछले 41 दिनों से उनका धरना प्रदर्शन जारी था, जबकि 42वें दिन गांव हीरांवाली निवासी कृषण लाल, दलीप स्वामी, बेगांवाली निवासी नंद राम, भीम सैन वर्मा, गिरधरी, गांव हीरांवाली निवासी सरोज रानी, रेणू, पूनम रानी, शीनू रानी, शारदा देवी, महिद्रा देवी, कलावंती, मितल रानी व गांव कमालवाला निवासी सरबजीत कौर भूखहड़ताल पर बैठी।लेकिन दोपहर बाद विधायक दविद्र सिंह घुबाया धरना स्थल पर पहुंचे, जिन्होंने आश्वासन देते हुए धरने को समाप्त करवा दिया। इस मौके विधायक दविद्र सिंह घुबाया ने कहा कि जिस दिन यह धरना लगा था, वह उसी दिन से ग्रामीणों के साथ थे। उन्होंने यह मुद्दा पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिद्र सिंह व विधानसभा में भी उठाया, जिस संबंधी अब उनकी बात सीएम कैप्टन अमरिद्र सिंह से हुई है, जिन्होंने पोलियूशन बोर्ड को एक पत्र लिखने संबंधी कहा है, जिसकी कार्रवाई एक दो दिन में मुकम्मल हो जाएगी। उन्होंने गांव वासियों को विश्वास दिलाया कि वह यहां शराब फैक्ट्री नहीं लगने देंगे। जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया। इस मौके ग्रामीणों ने कहा कि विधायक घुबाया के आश्वासन पर यह धरना समाप्त किया गया है, लेकिन अगर फिर से उक्त फैक्ट्री को लगाने का प्रयास किया गया तो वह संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।
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वाहन चालकों की परेशान हुई दूर
पिछले 41 दिनों से अबोहर-फाजिल्का हाईवे पर किसानों के धरने के चलते लोकल वाहनों के अलावा सामान सप्लाई करने वाले ट्रकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। बड़े वाहनों को तो लंबे रूटे से जाना पड़ रहा था, जबकि बसों व छोटे वाहनों को विभिन्न गांवों से होकर गुजरने वाली लिक सड़कों का सहारा लेना पड़ रहा था। लेकिन अब रास्ता खुल जाने के कारण एक घंटे से ज्यादा समय में तय होने वाला सफर 30 से 40 मिनट में पूरा होने से वाहन चालकों की परेशानी दूर होगी।
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