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, Cow Dung Paint in India: गाय-भैंस जैसे जानवरों का गोबर (Dung) कई तरह इस्तेमाल होता है. गाँवों में लोग वर्मी कम्पोस्ट या खाद बनाकर खेतों में डालते हैं. उपले भी बना लिए जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी बहुत बड़ी मात्रा में गोबर बर्बाद हो जाता है. जबकि गोबर का कई और तरीकों से इस्तेमाल कर कमाई भी की जा सकती है. देश में अब ऐसा होने की पूरी संभावना है. By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब गोबर की खपत के लिए हर गाँव में फैक्ट्री खुलेगी. ये फैक्ट्री पेंट (Cow Dung Paint Factory) बनाने को होगी. पेंट गोबर से बनाया जाएगा, जिसे गोबर पेंट (Gobar Paint) कहा जाएगा.केंद्र सरकार इसकी योजना में लगी हुई है. एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) इसकी योजना बना रहे हैं. वह देश के हर गांव में गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री (Gobar Paint Factory) खुलवाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. इसके लिए उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय खास प्लान तैयार करने में जुटा है. गोबर से पेंट बनाने के लिए एक फैक्ट्री खोलने में 15 लाख रुपये का खर्च आ रहा है. मंत्रालय का मानना है कि केंद्रीय मंत्री गडकरी का सपना साकार हुआ तो हर गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने से शहरों की तरफ पलायन की समस्या खत्म होगी.नितिन गडकरी के मुताबिक, गोबर से बना अनोखा पेंट लांच होने के बाद डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है. अभी जयपुर में ट्रेनिंग की व्यवस्था है. इतने आवेदन आए कि सबकी ट्रेनिंग नहीं हो पा रही है. साढ़े तीन सौ लोग वेटिंग लिस्ट मे हैं. पांच से सात दिनों की ट्रेनिंग होती है. ऐसे में हम ट्रेनिंग सुविधा (Cow Dung Paint Training) बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग ट्रेनिंग लेकर गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री का संचालन करें. हर गांव में एक फैक्ट्री (Gobar Paint Plant) खुलने से ज्यादा रोजगार पैदा होगा.दरअसल, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने बीते 12 जनवरी, 2021 को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की तरफ से तैयार गोबर (Gobar Paint Factory Kaise Lagaen) से बना प्राकृतिक पेंट लॉन्च किया था. यह पेंट इकोफ्रेंडली है. पहला ऐसा पेंट है, जो विष-रहित होने के साथ फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी गुणों वाला है. गाय के गोबर से बने और भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित, यह पेंट गंधहीन है. यह पेंट दो रूपों में उपलब्ध है- डिस्टेंपर तथा प्लास्टिक इम्यूलेशन पेंट के रूप में मार्केट में आया है.एमएसएमई मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने पिछले साल मार्च 2020 से गोबर से पेंट बनाने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग को प्रेरित किया था. आखिरकार, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) की जयपुर में स्थित यूनिट कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट ने इस तरह के अनोखे पेंट को तैयार करने में सफलता हासिल की. इस पेंट में सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम जैसे भारी धातुओं का असर नहीं है.किसानों की बढ़ेगी कमाई (Income From Cow Dung)पेंट की बिक्री बढ़ने के बाद गांवों में गोबर की खरीद भी बढ़ेगी. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ एक मवेशी के गोबर से किसान हर साल 30 हजार रुपये कमाएंगे. अभी तक किसान गोबर का सिर्फ खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, गांव-गांव पेंट की फैक्ट्रियां खुलने के बाद गोबर की खरीद का भी एक तंत्र बन जाएगा, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा. मोदी सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने की कोशिशों में जुटी है. ऐसे में गोबर के माध्यम से भी किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में गडकरी के मंत्रालय ने यह प्रयास किया है.Manufacturing of Cow Dung Paintअगर गोबर फैक्ट्री लगाना चाहते हैं तो इसके लिए उद्योग मंत्रालय इसकी रूपरेखा बनाने में लगा है. इसके तहत आप अप्लाई (How To Apply Cow Dung Paint Factory) कर सकते हैं.Cow Dung Paint in India: Cow-buffalo animals like cow dung are used in many ways. In villages, people make vermi compost or manure and put it in the fields. Upalas are also made, but even after this, a large amount of cow dung is wasted. While cow dung can be earned by using many other methods. There is every possibility of this happening in the country now. By social worker Vanita Kasani, a factory will open in every village for consumption of Punjab dung. It will be made for making factory paint (Cow Dung Paint Factory). The paint will be made from cow dung, which will be called Gobar Paint. The central government is engaged in its plan. MSME Minister Nitin Gadkari is planning this. He is preparing to open a Gobar Paint Factory in every village of the country. For this, his micro, small and medium ministry is busy preparing a special plan. It is costing Rs 15 lakh to open a factory to make paint from cow dung. The Ministry believes that if the dream of Union Minister Gadkari is realized, the problem of migration to the cities will be eliminated with the availability of employment opportunities in every village. According to Nitin Gadkari, after the launch of unique paint made of cow dung, the demand has increased very fast. At present, there is a training system in Jaipur. There were so many applications that not everyone is being trained. Three hundred and fifty people are on the waiting list. Training takes five to seven days. In such a situation, we are focusing on increasing the training facility (Cow Dung Paint Training). So that more and more people take training and operate the factory to make paint from cow dung. The opening of a factory (Gobar Paint Plant) in every village will generate more employment. Actually, Union Minister of Micro, Small and Medium Enterprises Nitin Gadkari launched a natural paint made of Gobar Paint Factory Kaise Lagaen on 12 January 2021 on behalf of Khadi and Village Industries Commission. This paint is eco-friendly. The first is paint that is non-toxic and has anti-fungal, anti-bacterial properties. Made from cow dung and certified by the Bureau of Indian Standards, this paint is odorless. This paint is available in two forms - distemper and plastic emulation paint. According to an MSME ministry official, Union Minister Gadkari had inspired the Khadi and Village Industries Commission to make paint from cow dung from March 2020 last year. Eventually, the Kumaid and Village Industries Commission (KVIC) unit based in Jaipur, Kumarappa National Handmade Paper Institute, succeeded in producing such unique paints. There is no effect of heavy metals like lead, mercury, chromium, arsenic, cadmium in this paint. Income from Cow Dung will increase After the increase in paint sales, the purchase of cow dung in the villages will also increase. According to Khadi and Village Industries Commission officials, farmers will earn 30 thousand rupees every year from just one cattle dung. Till now, farmers use cow dung only as fertilizer in the fields. But, after the opening of the village paint factories, there will also be a mechanism for procurement of cow dung, which will increase the income of farmers. Modi government is trying to double the income of farmers. In such a situation, Gadkari's ministry has tried to increase the income of farmers through cow dung too. Manufacturing of Cow Dung Paint If you want to set up a cow dung factory, then the Ministry of Industry is preparing to design it. Under this, you can apply How To Apply Cow Dung Paint Factory.

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