संसद भवन की कैंटीनों में अब खाने की कीमत बढ़ा दी गई है. इन कैंटीनों में मिलने वाले खाने पीने की चीजों के दाम में औसतन तीन गुने की बढ़ोत्तरी की गई है.By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,नई दिल्ली: संसद भवन की कैंटीनों में अब सस्ते और लजीज व्यंजनों के दिन लद गए. इन कैंटीनों में मिलने वाले खाने पीने की चीजों के दाम में औसतन तीन गुने की बढ़ोत्तरी कर दी गई है.100 रुपए की वेज थालीलोकसभा सचिवालय ने खाने की चीजों की जो नए दाम जारी किए हैं उसके मुताबिक वेज थाली अब 100 रुपए में मिलेगी. अभी इसकी कीमत महज 30 रुपए थी.16 रुपए में मिलने वाले मिनी थाली की कीमत बढ़कर 50 रुपए हो गई है. वहीं 1 रुपए में मिलने वाली चपाती 3 रुपए में जबकि 7 रुपए में मिलने वाला चावल (उबला हुआ) 20 रुपए में मिलेगा. दक्षिण भारतीय व्यंजनों में से एक प्लेट इडली (2 पीस) की कीमत 25 रुपए जबकि मसाला डोसा की कीमत 50 रुपए और दही भात की कीमत 40 रुपए तय की गई है.चिकेन बिरयानी भी 100 रुपए मेंनॉन वेज खाने वालों के लिए भी अच्छी खबर नहीं है. चिकेन बिरयानी की नई दर 100 रुपए प्रति प्लेट (दो पीस) तय की गई है. अभी इसकी कीमत 65 रुपए प्रति प्लेट थी. वहीं मटन बिरयानी की कीमत 150 रुपए प्रति प्लेट तय की गई है. दूसरी तरफ, चिकेन करी (दो पीस) 75 रुपए में जबकि मटन करी (दो पीस) अब 125 रुपए में मिलेगी.सब्सिडी खत्म की गईदामों में बढ़ोत्तरी की वजह ये है कि इन कैंटीनों में मिलने वाले खानों पर दी जाने वाली सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर दी गई है. कुछ ही दिनों पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने खुद इस बात का ऐलान किया था. हालांकि सब्सिडी खत्म करने का फैसला पिछले साल ही ले लिया गया था, लेकिन अब तक अमल में नहीं लाया जा सका था. एक अनुमान के मुताबिक सब्सिडी खत्म होने से सालाना करीब 10 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी.आईटीडीसी को मिला ठेकाइन कैंटीनों में खाना देने का ठेका भी अब उत्तर रेलवे की जगह आईटीडीसी यानि इंडियन टूरिज़्म डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन को दिया गया है. आईटीडीसी पर्यटन मंत्रालय के तहत काम करने वाली संस्था है. काफी पहले से संसद भवन में मिलने वाले सस्ते खानों को लेकर सोशल मीडिया में सरकार और संसद की आलोचना होती रही है. हालांकि अभी तक खानों की गुणवत्ता को लेकर भी गाहे बेगाहे सवाल उठते रहे हैं.The price of food has now been increased in the canteens of Parliament House. The average price of food items found in these canteens has been increased by three times. By socialist Vanita Kasani Punjab, New Delhi: Now days of cheap and delicious dishes are over in the canteens of Parliament House. On average, the price of food items found in these canteens has been increased by three times. 100 rupees veg plate According to the new prices of food items that the Lok Sabha Secretariat has released, the Veg Thali will now be available for 100 rupees. At present, its price was just Rs 30. The price of mini thali, which is available for Rs 16, has increased to Rs 50. At the same time, chapati for 1 rupee will be available for 3 rupees while rice (boiled) for 7 rupees will be available for 20 rupees. One plate Idli (2 pieces) in South Indian cuisine has been priced at Rs 25, while Masala Dosa has been priced at Rs 50 and Dahi Bhat at Rs 40. Chicken Biryani also for 100 rupees Not even good news for non-veg eaters. The new rate of chicken biryani has been fixed at Rs 100 per plate (two pieces). It was currently priced at Rs 65 per plate. At the same time, the price of mutton biryani has been fixed at Rs 150 per plate. On the other hand, chicken curry (two pieces) will be available for Rs 75 while mutton curry (two pieces) will now be available for Rs 125. Subsidies canceled The reason for the increase in prices is that the subsidy given on the mines found in these canteens has been completely eliminated. A few days ago Lok Sabha Speaker Om Birla himself announced this. Although the decision to end the subsidy was taken only last year, but could not be implemented till now. According to an estimate, the end of subsidy will save about Rs 10 crore annually. ITDC gets contract The contract for giving food in these canteens has also been given to ITDC i.e. Indian Tourism Development Corporation instead of Northern Railway. ITDC is an organization working under the Ministry of Tourism. The government and Parliament have been criticized on social media for a long time about cheap mines found in Parliament House. However, questions have also been raised about the quality of mines.,
The price of food has now been increased in the canteens of Parliament House. The average price of food items found in these canteens has been increased by three times.
By socialist Vanita Kasani Punjab,
New Delhi: Now days of cheap and delicious dishes are over in the canteens of Parliament House. On average, the price of food items found in these canteens has been increased by three times.
100 rupees veg plate
According to the new prices of food items that the Lok Sabha Secretariat has released, the Veg Thali will now be available for 100 rupees. At present, its price was just Rs 30. The price of mini thali, which is available for Rs 16, has increased to Rs 50. At the same time, chapati for 1 rupee will be available for 3 rupees while rice (boiled) for 7 rupees will be available for 20 rupees. One plate Idli (2 pieces) in South Indian cuisine has been priced at Rs 25, while Masala Dosa has been priced at Rs 50 and Dahi Bhat at Rs 40.
Chicken Biryani also for 100 rupees
Not even good news for non-veg eaters. The new rate of chicken biryani has been fixed at Rs 100 per plate (two pieces). It was currently priced at Rs 65 per plate. At the same time, the price of mutton biryani has been fixed at Rs 150 per plate. On the other hand, chicken curry (two pieces) will be available for Rs 75 while mutton curry (two pieces) will now be available for Rs 125.
Subsidies canceled
The reason for the increase in prices is that the subsidy given on the mines found in these canteens has been completely eliminated. A few days ago Lok Sabha Speaker Om Birla himself announced this. Although the decision to end the subsidy was taken only last year, but could not be implemented till now. According to an estimate, the end of subsidy will save about Rs 10 crore annually.
ITDC gets contract
The contract for giving food in these canteens has also been given to ITDC i.e. Indian Tourism Development Corporation instead of Northern Railway. ITDC is an organization working under the Ministry of Tourism. The government and Parliament have been criticized on social media for a long time about cheap mines found in Parliament House. However, questions have also been raised about the quality of mines.संसद भवन की कैंटीनों में अब खाने की कीमत बढ़ा दी गई है. इन कैंटीनों में मिलने वाले खाने पीने की चीजों के दाम में औसतन तीन गुने की बढ़ोत्तरी की गई है.
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,
नई दिल्ली: संसद भवन की कैंटीनों में अब सस्ते और लजीज व्यंजनों के दिन लद गए. इन कैंटीनों में मिलने वाले खाने पीने की चीजों के दाम में औसतन तीन गुने की बढ़ोत्तरी कर दी गई है.
100 रुपए की वेज थाली
लोकसभा सचिवालय ने खाने की चीजों की जो नए दाम जारी किए हैं उसके मुताबिक वेज थाली अब 100 रुपए में मिलेगी. अभी इसकी कीमत महज 30 रुपए थी.16 रुपए में मिलने वाले मिनी थाली की कीमत बढ़कर 50 रुपए हो गई है. वहीं 1 रुपए में मिलने वाली चपाती 3 रुपए में जबकि 7 रुपए में मिलने वाला चावल (उबला हुआ) 20 रुपए में मिलेगा. दक्षिण भारतीय व्यंजनों में से एक प्लेट इडली (2 पीस) की कीमत 25 रुपए जबकि मसाला डोसा की कीमत 50 रुपए और दही भात की कीमत 40 रुपए तय की गई है.
चिकेन बिरयानी भी 100 रुपए में
नॉन वेज खाने वालों के लिए भी अच्छी खबर नहीं है. चिकेन बिरयानी की नई दर 100 रुपए प्रति प्लेट (दो पीस) तय की गई है. अभी इसकी कीमत 65 रुपए प्रति प्लेट थी. वहीं मटन बिरयानी की कीमत 150 रुपए प्रति प्लेट तय की गई है. दूसरी तरफ, चिकेन करी (दो पीस) 75 रुपए में जबकि मटन करी (दो पीस) अब 125 रुपए में मिलेगी.
सब्सिडी खत्म की गई
दामों में बढ़ोत्तरी की वजह ये है कि इन कैंटीनों में मिलने वाले खानों पर दी जाने वाली सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर दी गई है. कुछ ही दिनों पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने खुद इस बात का ऐलान किया था. हालांकि सब्सिडी खत्म करने का फैसला पिछले साल ही ले लिया गया था, लेकिन अब तक अमल में नहीं लाया जा सका था. एक अनुमान के मुताबिक सब्सिडी खत्म होने से सालाना करीब 10 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी.
आईटीडीसी को मिला ठेका
इन कैंटीनों में खाना देने का ठेका भी अब उत्तर रेलवे की जगह आईटीडीसी यानि इंडियन टूरिज़्म डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन को दिया गया है. आईटीडीसी पर्यटन मंत्रालय के तहत काम करने वाली संस्था है. काफी पहले से संसद भवन में मिलने वाले सस्ते खानों को लेकर सोशल मीडिया में सरकार और संसद की आलोचना होती रही है. हालांकि अभी तक खानों की गुणवत्ता को लेकर भी गाहे बेगाहे सवाल उठते रहे हैं.
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