सबसे पहले गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 1950) में by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णी को मुख्य अतिथि के तौर पर भारत बुलाया गया था. इसके बाद 1954 में भूटान के राजा जिग्मे डोरजी मुख्य अतिथि बने थे। 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल गुलाम मोहम्मद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. वहीं बता दें कि 1966 में भारत के तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद में निधन के कारण गणतंत्र दिवस पर किसी को नहीं आमंत्रण किया गया था.26 जनवरी को भारत 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. लेकिन इस साल गणतंत्र के दिवस बिना कोई मुख्य अतिथि के मनाया जाएगा. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार किसी भी देश के राष्ट्रप्रमुख मुख्य अतिथि को आमंत्रण नहीं किया गया है. पिछले 55 साल में ये पहला मौका होगा जब गणतंत्र के मौके पर कोई भी विदेश राष्ट्र के प्रमुख उपस्थित नहीं होंगे.बता दें कि इस साल भारत ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए ब्रिटिश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रित किया था. लेकिन ब्रिटिश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था. गौरतलब है कि विशेष रणनीति के तहत राजनीतिक, राजनयिक आपसी संबंधों के आधार पर ही गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चुनाव किया जाता है.First on Republic Day (26 January 1950) by social worker Vanita Kasani Punjab Indonesia President Sukarni was called to India as the chief guest. In 1954, Jigme Dorji, the King of Bhutan, became the chief guest. In 1955, the Governor General of Pakistan Ghulam Mohammed joined as the chief guest. At the same time, no one was invited on Republic Day in 1966 due to the death of the then Prime Minister of India Lal Bahadur Shastri in Tashkent. On 26 January India is going to celebrate the 72nd Republic Day. But this year Republic Day will be celebrated without any chief guest. This time due to Corona virus infection, the chief guest of the country has not been invited. This will be the first time in the last 55 years that no foreign nation heads will be present on the occasion of the Republic. Let us know that this year India invited British Prime Minister Boris Johnson to be the chief guest to attend the Republic Day. But in view of Corona's condition in the British, he canceled his program. It is worth mentioning that under special strategy, Chief Guest is selected on Republic Day only on the basis of political, diplomatic mutual relations.,
First on Republic Day (26 January 1950) by social worker Vanita Kasani Punjab Indonesia President Sukarni was called to India as the chief guest. In 1954, Jigme Dorji, the King of Bhutan, became the chief guest. In 1955, the Governor General of Pakistan Ghulam Mohammed joined as the chief guest. At the same time, no one was invited on Republic Day in 1966 due to the death of the then Prime Minister of India Lal Bahadur Shastri in Tashkent. On 26 January India is going to celebrate the 72nd Republic Day. But this year Republic Day will be celebrated without any chief guest. This time due to Corona virus infection, the chief guest of the country has not been invited. This will be the first time in the last 55 years that no foreign nation heads will be present on the occasion of the Republic.
Let us know that this year India invited British Prime Minister Boris Johnson to be the chief guest to attend the Republic Day. But in view of Corona's condition in the British, he canceled his program. It is worth mentioning that under special strategy, Chief Guest is selected on Republic Day only on the basis of political, diplomatic mutual relations.सबसे पहले गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 1950) में by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णी को मुख्य अतिथि के तौर पर भारत बुलाया गया था. इसके बाद 1954 में भूटान के राजा जिग्मे डोरजी मुख्य अतिथि बने थे। 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल गुलाम मोहम्मद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. वहीं बता दें कि 1966 में भारत के तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद में निधन के कारण गणतंत्र दिवस पर किसी को नहीं आमंत्रण किया गया था.26 जनवरी को भारत 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. लेकिन इस साल गणतंत्र के दिवस बिना कोई मुख्य अतिथि के मनाया जाएगा. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार किसी भी देश के राष्ट्रप्रमुख मुख्य अतिथि को आमंत्रण नहीं किया गया है. पिछले 55 साल में ये पहला मौका होगा जब गणतंत्र के मौके पर कोई भी विदेश राष्ट्र के प्रमुख उपस्थित नहीं होंगे.
बता दें कि इस साल भारत ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए ब्रिटिश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के लिए आमंत्रित किया था. लेकिन ब्रिटिश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था. गौरतलब है कि विशेष रणनीति के तहत राजनीतिक, राजनयिक आपसी संबंधों के आधार पर ही गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चुनाव किया जाता है.
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