समाज सेवा से बड़ा पुण्य कार्य कोई नहीं। समाज सेवा अगर नि:स्वार्थ भाव से की जाए तो मानवता का कर्तव्य सही मायनों में निभाया जा सकता है। यह बात रविवार को सिद्धेश्वर मंदिर परिसर में श्री बाल वनिता महिला आश्रम भंडारा सेवा समिति की द्वारा आयोजित बैठक में समिति संयोजक सुनील पोरवाल(बाबा) ने कही।
उन्होंने कहा कि हम मानव हैं और मानव होने के नाते हमारा पहला धर्म मानवता का परिचय देना है। लेकिन आज समाज जिस दिशा पर जा रहा है। उसको देखकर ऐसा अहसास होता है कि इंसान में इंसानियत का और आत्मियता का अभाव होता जा रहा है। लेकिन समाज के कुछ लोग ऐसे भी हैं जो समाजसेवा के माध्यम से मानवता का परिचय देते रहते हैं। साथ ही समाज के लोगों को मानवता का पाठ भी पढ़ाते हैं। इस क्रम में धर्मचंद्र जैन ने कहा कि जीवन में समाजसेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं है। समाज के प्रत्येक नागरिक को अपने सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ समाजसेवा के लिए भी समय अवश्य निकालना चाहिए। गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा एवं उनके उत्थान के लिए आकांक्षा समिति हमेशा प्रयासरत रहती है।
वनिता कासनियां प्रदेशाध्यक्ष पंजाब
बैठक के दैारान सर्वसहमति से सुनील शर्मा को समिति का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
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